इशारो इशारो में बहुत कुछ कह गए गडकरी: कहा ‘नेतृत्व को हार की भी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए’

इशारो इशारो में बहुत कुछ कह गए गडकरी: कहा ‘नेतृत्व को हार की भी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए’

पुणे (अमीन शेख)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इशारो इशारो में एक तीर से कई निशाने एक साथ साधे हैं। शनिवार को पुणे जिला के शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार और विफलताओं की ज़िम्मेदारी भी लेनी चाहिए।

गडकरी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता। उन्होंने कहा कि वे इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि सफलता का श्रेय लेने वालो को असफलताओं का श्रेय लेने से नहीं भागना चाहिए।

गडकरी ने कहा कि सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता। सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं।

गडकरी का यह बयान पांच राज्यों के विधानसभा चुनावो में बीजेपी की कड़ी हार के बाद आया है। इसलिए उनके के बयान को लेकर तरह तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं।

माना जा रहा है कि गडकरी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की कार्यशैली से खुश नहीं हैं। गडकरी संघ के करीबी नेताओं में से एक हैं और संघ प्रमुख मोहन भागवत से उनकी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं।

इसलिए माना जा रहा है कि नितिन गडकरी कुछ मुद्दों पर पार्टी की रणनीति से सहमत नहीं हैं। इसलिए उनके बयान का बड़ा अर्थ यही निकाला जा रहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार की ज़िम्मेदारी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह लें।

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TeamDigital