इन दस पॉइंटो में समझिये घूंसकांड में फंसे राकेश अस्थाना का पीएम मोदी कनेक्शन

इन दस पॉइंटो में समझिये घूंसकांड में फंसे राकेश अस्थाना का पीएम मोदी कनेक्शन

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी में चली उठापटक में दो नाम सामने आये पहला राकेश अस्थाना का और दूसरा आलोक वर्मा का। आलोक वर्मा सभी के निदेशक थे जबकि राकेश अस्थाना सीबीआई के दूसरे नंबर के अफसर थे।

राकेश अस्थाना पर आरोप है कि राकेश अस्थाना ने मीट कारोबारी मोईन कुरैशी से जुड़े एक मामले में जांच करने के दौरान कथित तौर पर रिश्वत स्वीकार की थी। दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी।

सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर 15 अक्तूबर को अपने विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी 2018 की आरसी 13 (ए) दर्ज की है ।

मांस कारोबारी मोईन कुरेशी की कथित संलिप्तता से जुड़े 2017 के एक मामले में जांच का सामना कर रहे साना ने आरोप लगाया कि अस्थाना ने उसे क्लीनचिट दिलाने में कथित रूप से मदद की। सीबीआई ने बिचौलिया समझे जानेवाले मनोज प्रसाद को भी 16 अक्तूबर को दुबई से लौटने पर गिरफ्तार किया था।

गुजरात संवर्ग के आईपीएस अधिकारी अस्थाना उस विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई कर रहे हैं जो अगस्टावेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले और उद्योगपति विजय माल्य द्वारा की गयी ऋण धोखाधड़ी जैसे अहम मामलों को देख रहा है. यह दल मोईन कुरैशी मामले की भी जांच कर रहा है।

कौन हैं राकेश अस्थाना:

राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के1984 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। उनका जन्म रांची में हुआ था. उनके पिता शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। राकेश अस्थाना ने जेएनयू से पढ़ाई की. इसके बाद संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा दी और पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में पास हो गए थे।

गौरतलब है कि राकेश अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मीट कारोबारी मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के जरिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। सीबीआई का आरोप है कि लगभग तीन करोड़ रुपये पहले ही बिचौलिये के जरिये अस्थाना को दिए जा चुके हैं।

1 – राकेश अस्थाना पहली बार साल 1996 में चर्चा में उस समय आए, जब उन्होंने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को गिरफ्तार किया।

2 – राकेश अस्थाना ने गुजरात के बहुचर्चित गोधरा कांड जांच के लिए गठित हुई स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का नेतृत्व किया था और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में दंगों की जांच की। इन दंगों में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी पर भी तमाम तरह के आरोप लगे थे।

3 – गोधरा मामले की जांच के दौरान राकेश अस्थाना पर बीजेपी सरकार के इशारे पर काम करने के आरोप लगे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई आर के राघवन के नेतृत्व वाली जांच समिति ने अस्थाना की रिपोर्ट को सही माना था।

4 – राकेश अस्थाना ने 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए बम धमाकों की भी जांच की थी। उन्होंने इस केस की 22 दिनों में ही जांच निपटाकर चार्जशीट पेश कर दी थी।

5 – जब नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे तब राकेश अस्थाना वडोदरा और सूरत जैसे महत्वपूर्ण जिलों के पुलिस कमिश्नर रहे।

6 – जब केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनी तो गुजरात काडर के राकेश अस्थाना को 20 अन्य आला अफसरों के साथ गुजरात से दिल्ली बुलाया गया था।

7 – केंद्र सरकार ने सीबीआई में वरिष्ठता के क्रम में नंबर दो पर तैनात अधिकारी आरके दत्ता को पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा का कार्यकाल पूरा होने से ठीक दो दिन पहले गृह मंत्रालय भेज दिया।

8 – अगर आरके दत्ता को गृह मंत्रालय नहीं भेजा जाता तो वह स्वाभाविक रूप से सीबीआई के निदेशक बन जाते। लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद सीबीआई लगभग एक महीने तक बिना किसी निदेशक के काम करती रही।

9 – गुजरात में तैनात रहते हुए राकेश अस्थाना की अमित शाह और नरेंद्र मोदी से नजदीकियों को लेकर कई बार सवाल उठे थे।

10- राकेश अस्थाना ने आसाराम बापू प्रकरण में भी जांच दल का नेतृत्व किया था।

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TeamDigital