आज़म खान पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, पढ़िए- क्या है मामला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व केबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं। आज़म खान पर आरोप है कि उन्होंने ज़मीन पर कब्ज़ा करने के लिए तत्कालीन पूर्व पुलिस उपाधीक्षक आलेहसन खान की मदद से करीब दो दर्जन किसानो को हिरासत में रखवाया।
इतना ही नहीं आरोप यह भी है कि आज़म खान ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर करोड़ों की निजी परियोजना ‘मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी’ के लिए कई सौ करोड़ रुपये से अधिक की जमीन हड़प ली।
इस मामले में रामपुर के अजीम नगर थाने आजम खां के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने कहा कि इस मामले में जांच प्रगति पर है और आज़म खान की गिरफ्तारी किसी भी समय की जा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ‘छब्बीस किसानों ने कहा है कि आजम खां और आलेहसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला। जब किसानों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया, तो उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया।’
रामपुर जिले के पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर आजम खां के खिलाफ 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए जाएंगे, क्योंकि इसमें जमीन के अलग-अलग हिस्से और अलग-अलग मालिक शामिल हैं।’
पुलिस द्वारा दर्ज की गयी एफआईआर में कहा गया है कि किसानों की जमीन हथियाने के अलावा, आजम खां ने कोसी नदी के किनारे 5,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए 2012 से 2017 के बीच कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग भी किया।
गौरतलब है कि आज़म खान उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में शहरी विकास मंत्री थे। आज़म खान 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से समाजवादी पार्टी के टिकिट पर निर्वाचित हुए हैं। फिलहाल देखना है कि क्या सपा के कद्दावर नेता पर पुलिस कार्रवाही की हिम्मत दिखाती है अथवा नहीं।