आसाराम दोषी करार, हो सकती है 10 साल की सज़ा

नयी दिल्ली: आसाराम बापू समेत 3 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना है। उनपर दुष्कर्म का आरोप लगे थे। हालांकि 2 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। न्यायधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर जेल में अपना फैसला सुनाया है। फिलहाल दोषियों की सजा पर अभी बहस चल रही है।
आसाराम के वकील उनकी अधिक उम्र का हवाला देते हुए कम सजा मांग की मांग कर रहे हैं। जोधपुर की कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल परिसर में ही फैसला सुनाने का निर्णय किया था।
कोर्ट ने अासाराम के अलावा सह अारोपी शरतचंद्र और शिल्पी को भी दोषी करार दिया है। वहीं शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया गया है। फैसले के मद्देनजर केंद्र सरकार ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं।
फैसला आने के बाद पीड़िता के पिता ने कहा कि आसाराम को दोषी ठहराया गया है, हमें न्याय मिला है। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस लड़ाई में हमारा समर्थन किया। अब मुझे आशा है कि उसे सख्त सजा मिलेगी। मुझे उम्मीद है कि जिन गवाहों कि हत्या या अपहरण किया गया था, उन्हे भी न्याय मिला।
अदालत का फैसला आने के बाद आसाराम की प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा हम अपनी कानून के जानकारों से चर्चा करेंगे और फिर भविष्य की कार्यवाही का फैसला करेंगे। हमें न्यायपालिका पर भरोसा है।
वहीँ आसाराम व उसके पुत्र नारायण साईं के खिलाफ चल रहे केसों में अहम गवाह पानीपत के गांव सनौली निवासी महेंद्र चावला ने अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि मैं न्यायपालिका पर भरोसा करता हूं और मुझे विश्वास है कि आसाराम को दोषी ठहराया जाएगा।
मैं न्यायपालिका से अनुरोध करता हूं कि ऐसे दुष्कर्मियों को फांसी दी जानी चाहिए। हालांकि मेरे पास सुरक्षा है लेकिन मैं अतिरिक्त सुरक्षा के लिए केंद्र से अनुरोध करता हूं। अन्य गवाहों की तरह मेरा जीवन लगातार खतरे में है।
देशभर में आसाराम के लिए पूजा पाठ
फैसला आने से पहले देशभर में आसाराम के लिए भक्त पूजा पाठ कर रहे हैं। आसाराम के विभिन्न आश्रमों में भक्त इकठ्ठा होकर उसकी रिहाई के लिए पूजा कर रहे हैं।
आसाराम पर पॉक्सो और अजा-जजा एक्ट की धाराएं लगाई गई हैं। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जोधपुर जेल में बंद है। आसाराम को दस साल तक की सजा हो सकती है।
आसाराम ने धमकाया था, इसलिए पीड़िता ने दिल्ली जाकर 20 अगस्त, 2013 को कमला नगर पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। वहां से केस जोधपुर रेफर किया गया था। जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।
पीड़िता ने जब आसाराम पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तब वह छिंदवाड़ा आश्रम के कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। जानकारी के अनुसार पीड़िता के पिता के पास 7 अगस्त,2013 को छिंदवाड़ा आश्रम से फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है।
इस पर पीड़िता के पिता वहां पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे सिर्फ आसाराम ही ठीक कर सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के साथ 14 अगस्त को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम में पहुंचा। इसके अगले दिन 15 अगस्त को आसाराम पे 16 साल की पीड़िता को अपनी कुटिया में बुला लिया और उसके साथ 1 घंटे तक यौन उत्पीड़न किया।
पीड़िता ने इस मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने 20 अगस्त,2013 को दिल्ली कमलानगर पुलिस थाने में रात 2 बजे एफआरआर दर्ज कराई थी। मामला जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया। जोधपुर पुलिस ने जांच के बाद आसाराम को 30 अगस्त की आधी रात इंदौर स्थित आश्रम से गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर में पीड़िता के घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक के. बी.सिंह ने बताया कि पीड़िता के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
केंद्र सरकार ने फैसला सुनाए जाने से पहले राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने और अतिरिक्त बल तैनात करने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक संदेश जारी कर तीनों राज्यों से सुरक्षा मजबूत करने को कहा है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि अदालत के आदेश के बाद कोई हिंसा नहीं फैले।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जोधपुर छावनी में तब्दील हो गया है। पुलिस की छह कंपनियां भेजी गई हैं। शहर में धारा 144 लगा दी गई है। पुलिस होटलों और धर्मशालाओं की सघन चेकिंग कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आसाराम द्वारा एक किशोरी से कथित रूप से दुष्कर्म के मामले में जोधपुर अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर पुलिस को हाई अलर्ट पर किया गया है।