आलोक संजर ने भी भरा नामांकन, क्या चुनावी मैदान से हट रही साध्वी प्रज्ञा ?
भोपाल ब्यूरो। भारतीय जनता पार्टी ने भोपाल लोकसभा सीट पर भले ही मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया हो लेकिन पार्टी ने वर्तमान सांसद आलोक संजर से भी नामांकन दाखिल कराया है।
माना जा रहा है कि बाबरी मस्जिद मामले में बयान देने के बाद साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर से साध्वी प्रज्ञा का नामांकन रद्द होने की संभावनाओं के मद्देनज़र बीजेपी ने आलोक संजर से नामांकन दाखिल कराया है।
वहीँ पार्टी सूत्रों की माने तो साध्वी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाये जाने के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी का एक गुट इसका विरोध कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं भी साध्वी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाये जाने के खिलाफ हैं।
सूत्रों ने कहा कि ऐसी स्थति में दो ही पहलु हो सकते हैं। या तो साध्वी प्रज्ञा का नामांकन रद्द होने की प्रवल संभावनाएं हैं या फिर बीजेपी साध्वी प्रज्ञा को अब साइड करके आलोक संजर को चुनाव लड़ाएगी।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी का एक गुट मानता है कि साध्वी प्रज्ञा को भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाये जाने से पार्टी की किरकिरी हो रही है। पार्टी का यह गुट साध्वी प्रज्ञा के लिए प्रचार का काम करने को तैयार नहीं है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि फिलहाल साध्वी प्रज्ञा बीजेपी के गले की हड्डी बन गयीं हैं जिसे पार्टी नेता न निगल पा रहे हैं और न ही उगल पा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि या तो पार्टी ने आलोक संजर का डमी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कराया है या कानून के जानकारों ने पार्टी को पहले ही बता दिया है कि साध्वी प्रज्ञा का नामांकन रद्द हो सकता है।
गौरतलब है कि साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई हमले में शहीद हुए तत्कालीन एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर आपत्तिजनक टिपण्णी की थी। इसके बाद साध्वी प्रज्ञा और बीजेपी दोनों विपक्ष के निशाने पर आ गए थे।
इतना ही नहीं साध्वी प्रज्ञा ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में बाबरी मस्जिद विध्वंस का श्रेय लेते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस करने की बात भी कही थी जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए।