आरक्षण की मांग और पर्सनल लॉ में दखलंदाजी के खिलाफ तीन लाख मुसलमान सड़क पर उतरे
मुंबई ब्यूरो । महाराष्ट्र के बीड में मंगलवार को मुस्लिम समुदाय की बड़ी भीड़ को सड़क पर देख सरकार और प्रशासन को पसीने आ गए । मुसलमानो को आरक्षण देने और पर्सनल लॉ में दखलंदाजी को बंद करने की मांग को लेकर करीब तीन लाख लोगों ने मार्च निकाला।
मार्च का मकसद उनकी कुछ मांगों को देश के सामने रखना था। मार्च में उनके समुदाय के लोगों के लिए नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग की गई। ऐसी मांगों को लेकर की गई यह चौथी रैली थी। इससे पहले भी मराठवाड़ा में ऐसी रैलियां हुई थीं।
इन रैलियों को ‘मुस्लिम आरक्षण संघर्ष क्रुति समिति’ द्वारा करवाया जा रहा है। रैली में कई और बातों की भी डिमांड की गई। जैसे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में किसी तरह की दखल ना दी जाए, आतंक के नाम पर किसी मासूम मुस्लिम को परेशान ना किया जाए। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के लापता छात्र नजीब अहमद को जल्द से जल्द ढूंढने की मांग भी रैली में उठी। मार्च तीन घंटे तक चला। आखिर में सभी लोग बीड के डिप्टी कलेक्टर के पास पहुंचे और उन्हें मेमोरेंडम किया।
तीन किलोमीटर के इस मार्च में किसी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए लगभग एक हजार पुलिसवालों को तैनात किया गया था। जानकारी मिली है कि ऐसे ही दो मार्च जल्द ही और किए जाएंगे। उनके लिए जगह भी तय हो गई है। इनमें से एक ओसमानाबाद में होगा और दूसरा परभानी में किया जाएगा।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेकर देश में काफी हंगामा हो रहा है। दरअसल, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक को ठीक ठहराता है वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट इसको असंवैधानिक करार दे चुका है। मुस्लिम महिला फाउंडेशन नाम का संगठन भी तीन तलाक के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खिलाफ है। मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा था, ‘शरियत की याद महिलाओं की आजादी की बात के वक्त ही क्यों आती है, ये मौलवी रेप और बाकी गलत काम करने वाले पुरुषों के खिलाफ शरियत की बात क्यों नहीं करते ?’