आयुष्मान लाभार्थी की मौत का मामला: जांच करने पहुंचे अधिकारी, बीजेपी ने लगाए थे आरोप

आयुष्मान लाभार्थी की मौत का मामला: जांच करने पहुंचे अधिकारी, बीजेपी ने लगाए थे आरोप

ब्यूरो (राम मिश्रा, अमेठी) : सूबे के जनपद अमेठी जिले के सरैया गाँव में अधिकारियो की एक टीम संजय गांधी अस्पताल पर लगे आरोपो की जांच करने पहुँची इस जाँच टीम ने इस गाँव के आयुष्मान भारत योजना कार्ड के एक धारक के परिजनों से पूछताछ कर उनके बयान लिए।

बता दे कि कुछ दिनों पूर्व आयुष्मान योजना के कार्ड धारक के परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल पर इलाज न करने का आरोप लगाया गया। इस दौरान कार्ड धारक की मौत हो भी गई थी। कार्ड धारक की मौत के बाद जमकर सियासी बयान बाजी हुई थी और पूरी मामले पर जाँच की बात कही गई थी ।

परिजनों से पूछताछ कर दर्ज किये बयान –

दरअसल कुछ दिनों पूर्व अमेठी स्थित संजय गांधी अस्पताल पर आयुष्मान भारत योजना कार्ड के एक कार्ड धारक नन्हेलाल के परिजनों ने आरोप लगाया था कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कार्ड होने के बाद भी संजय गांधी अस्पताल में उसका मुफ्त इलाज नहीं किया गया और इस दौरान नन्हेलाल की मौत हो गई। जिसके बाद इस पूरे मामले की टीम गठित कर जाँच की बात कही गई थी।

इस मामले को लेकर गठित की गई एक जाँच टीम आज मुसाफिरखाना विकासखण्ड अन्तर्गत गाँव सरैया पहुँच कर नन्हे लाल के परिजनों से पूछताछ कर उनके बयान लिए इस जाँच टीम में सीएमओ राज मोहन श्रीवास्तव और उपजिलाधिकारी अमेठी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे ।

पीएम मोदी सहित स्मृति ईरानी ने इस मामले को लेकर कॉग्रेस पर हुए थे हमलावर –

बता दे की नन्हे लाल की मौत के बाद केन्‍द्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने ट्वीट कर अमेठी के संजय गांधी अस्‍पताल का जिक्र करते हुए कहा था कि एक गरीब को सिर्फ इसलिये मरने दिया क्‍योंकि उसके पास मोदी का आयुष्‍मान कार्ड था। लेकिन अस्‍पताल राहुल गांधी का था और अस्‍पताल के ट्रस्‍टी राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जवाब दें एक निर्दोष को क्‍यूं मार दिया गया।

इसके बाद बीजेपी के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से किये गये ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से कहा गया कि अमेठी में एक अस्‍पताल है। इस अस्‍पताल के ट्रस्‍टी नामदार परिवार के सदस्‍य हैं। दुख की बात तो ये है कि इलाज से इनकार करने पर अमेठी का वो गरीब आज इस दुनिया में नहीं है उस गरीब की मृत्‍यु के गुनहगारों को सजा मिलनी चाहिये। वही अस्पताल प्रशासन ने कार्ड धारक के परिजनों के आरोपो को निराधार बताया था।

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