आमिर खान मामले पर पर्रिकर का यू टर्न, कहा ‘किसी का नाम नहीं लिया’
नई दिल्ली । फिल्म अभिनेता आमिर खान को सबक सिखाए जाने संबंधी रक्षा मंत्री मनोहर परिकर के बयान पर सियासत गरमा गई है। वहीं, खुद परिकर ने नरम रुख अपनाते हुए रविवार को कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष का नाम नहीं लिया था।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन देश को सर्वोपरि मानते हैं। परिकर के शनिवार के बयान के खिलाफ कांग्रेस ने रक्षा मंत्री और सरकार के खिलाफ सियासी मोर्चा खोल दिया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने परिकर पर पलटवार करते हुए कहा कि संघ और परिकर जैसे लोग सबको सबक सिखाना चाहते हैं। नफरत फैलाने वाले लोग कायर होते हैं और इनकी कभी जीत नहीं होती। कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी परिकर पर सियासी हमला बोला।
उन्होंने ट्वीट के जरिये पूछा कि रक्षा मंत्री का काम बाहरी हमलों से देश की रक्षा करना है या आमिर जैसे लोगों को धमकी देना है। कांग्रेस ने परिकर के बयान पर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में जोरशोर से उठाने का भी संदेश दिया है।
राहुल गांधी के कार्यालय के द्वारा इस संबंध में ट्वीट में कहा गया आरएसएस और परिकरजी सबको सबक सिखाना चाहते हैं। एक सबक आपके लिए भी है। कायर लोग ही नफरत फैलाते हैं और इनकी कभी जीत नहीं होती। सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिये मोदी सरकार को राजधर्म की नसीहत देते हुए दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि परिकर का बयान इसी साजिश का पर्दाफाश करता है।
क्या कहा था पर्रिकर ने :
पुणे में वरिष्ठ पत्रकार नितिन गोखले की किताब का विमोचन करते हुए परिकर ने आमिर की देश छोड़ने के बयान की सीधे और जेएनयू में लगे भारत विरोधी नारे की परोक्ष चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को देश के विरोध में बोलने का साहस कैसे हो जाता है? ऐसे लोगों को देश के लोगों द्वारा सबक सिखाए जाने की जरूरत है।
इसके बाद उन्होंने कहा कि एक अभिनेता ने कहा कि उनकी पत्नी भारत से बाहर जाना चाहती है। यह घमंड भरा बयान है। अगर मैं गरीब हूं और मेरा घर छोटा है तो भी मैं अपने घर से प्यार करूंगा। उसे बंगला बनाने की कोशिश करूंगा। घर छोड़ने की बात नहीं करूंगा।
यू टर्न :
जबलपुर में रविवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैंने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया है। मैंने कहा था कि देश का सम्मान नहीं करने वालों का विरोध होना चाहिए। मैं उपद्रव का भी विरोध करता हूं।
ऐसे लोगों को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना चाहिए और सेमिनार जैसे आयोजन करने चाहिए।’ जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया के राष्ट्रविरोधी नारों पर उनका ताजा बयान था, ‘मैं यह नहीं कहता कि राष्ट्रवाद सिर्फ भाजपा में ही है।
दूसरे दलों और क्षेत्रों के लोग भी देशभक्त हैं। किसी अन्य देश के नागरिक अपने देश के खिलाफ नहीं बोलते। लिहाजा, भारत के लोगों को भी राष्ट्रविरोधी हरकतों का विरोध करना चाहिए।’