आप – कांग्रेस में हो चुकी है डील, जल्द हो जायेगा खुलासा

नई दिल्ली। 2019 के आम चुनावो में विपक्ष का गठजोड़ बनाने की कोशिशों के तहत आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अब एक मंच पर आ सकते हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच में ब्रिज के तौर पर तीन नेताओं की भूमिका को अहम बताया जा रहा है। इनमे लोकतान्त्रिक जनता दल नेता शरद यादव, कम्युनिस्ट नेता सीताराम येचुरी और आप नेता संजय सिंह शामिल हैं।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच डील फाइनल हो चुकी है। ऊपरी तौर पर भले ही दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन इससे इंकार करें लेकिन इस बात की पुख्ता जानकारियां हैं कि आप और कांग्रेस जल्द ही एक मंच पर दिखाई दे सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनेगी और वह दिल्ली में तीन लोकसभा सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ेगी। वहीँ कांग्रेस हरियाणा और पंजाब में आम आदमी पार्टी को सीटें देगी।
सूत्रों की माने तो दिल्ली की सत्ता से बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए दिल्ली के विधानसभा चुनावो में भी कांग्रेस और आप मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक माफ़ी मांगने की श्रंखला में केजरीवाल कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और पवन खेड़ा से माफ़ी मांग चुके हैं। इसी क्रम में वे जल्द ही पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित को पत्र लिखकर खेद जता सकते हैं।
हालाँकि अभी भी आप और कांग्रेस के तरफ से आपस में किसी तरह का गठबंधन न करने के बयान आ रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ जब भी 2019 के आम चुनाव को लेकर सवाल किया जाता है तो दोनों ही पार्टियों के नेता सवालो से बचते नज़र आते हैं।
हाल ही में आप सांसद संजय सिंह ने इलाहाबाद में कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल पीएम मोदी के खिलाफ फिर से चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसका फैसला महागठबंधन करेगा। संजय सिंह के बयान से इस बात की पुष्टि तो हो ही गयी कि 2019 के आम चुनावो में आम आदमी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बनने जा रही है।
वहीँ मंगलवार को आम आदमी पार्टी के नेता और पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज से जब पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का समर्थन लेगी? जिस तरह कांग्रेस के साथ मिलकर दिल्ली में सरकार बनाई थी, क्या अब लोकसभा में साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे?
सौरभ भारद्वाज ने इस सवाल पर कुछ देर तक चुप्पी साधने के बाद कहा कि आम आदमी पार्टी ने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। जैसे ही पार्टी कोई फैसला लेती है मीडिया को जरूर बताया जाएगा।
सौरभ भारद्वाज के जबाव से स्पष्ट हो गया कि आम आदमी पार्टी के दरवाज़े बंद नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर साफ़ तौर पर इंकार नहीं किया।
सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में कुमार स्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में दिल्ली के सीएम केजरीवाल को आमंत्रित करना इस बात के बड़े संकेत हैं कि कांग्रेस और आप के बीच में कुछ तो सकारत्मक चल रहा है। यदि कांग्रेस आप के बीच विरोधी सुर रहते तो केजरीवाल को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित ही नहीं किया जाता और ये भी सम्भव नहीं कि यदि राहुल-सोनिया अरविन्द केजरीवाल के साथ मंच साझा करने से इंकार करते तो जेडीएस केजरीवाल को निमंत्रण भेजनी की हिम्मत दिखाता।
फिलहाल आप सूत्रों के हवाले से ख़बरें मिल रही हैं उनके मुताबिक कांग्रेस की तरफ से अजय माकन नहीं बल्कि कपिल सिब्बल अगुवाई कर रहे हैं और आने वाले कुछ महीनो में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन का एलान कर दिया जाएगा।