आगरावासियों की मोदी सरकार को खरी खरी: धोखेबाज़ हो वादा करके भूल गए

आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में वर्षो से अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट की राह देख रहे स्थानीय लोगों को उस समय बड़ा धक्का लगा जब मोदी सरकार द्वारा ग्रेटर नोएडा के ज़ेबर में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी दे दी गयी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान ही नहीं विधानसभा चुनाव के दौरान भी बीजेपी नेताओं ने आगरा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की मंजूरी का बार बार वादा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद बीजेपी नेताओं ने यहाँ झांकना ही नहीं बल्कि इस मुद्दे पर बात ही करना बंद कर दिया।
लोगों का आरोप है कि ये सरासर धोखेबाज़ी है। बीजेपी सरकार में आते ही अपने वादे को भुला बैठी है। लोगों का कहना है कि आगरा में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाये जाने की मांग काफी पहले से होती रही है।
बता दें कि जेवर के साथ ही आगरा में भी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को लेकर दावे किए गए थे। लेकिन यहां तो सिविल टर्मिनल का प्रस्ताव भी अभी अधर में है। सपा के बाद भाजपा सरकार में भी जमीन अधिग्रहण के लिए बजट जारी नहीं हो पाया है। ताजमहल सहित तीन विश्वदाय स्मारकों को सहेजने वाला आगरा का पर्यटन जगत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की मांग कर रहा है।
अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. रामशंकर कठेरिया ने आयोग का अध्यक्ष बनने से पहले पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर बीस दिन में सिविल टर्मिनल के लिए शेष 14 हेक्टेयर जमीन के लिए 64.94 करोड़ रुपये जारी कराने का दावा किया था। यह अभी भी हवा में लटका है। कठेरिया आगरा के सांसद भी हैं।