आईपीएस अफसर से बीजेपी विधायक की अभद्रता पर क्यों खामोश हैं सीएम योगी
नई दिल्ली। गोरखपुर में बीजेपी विधायक राधा मोहन अग्रवाल द्वारा आईपीएस अफसर चारु निगम के साथ की गयी अभद्रता पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ख़ामोशी पुलिस के मनोबल को तोड़ने जैसा है।
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री पुलिस अधिकारीयों को नेताओं से न डरने और सामान व्यवहार की बात करते हैं वहीँ उनके अपने क्षेत्र में विधायक द्वारा एक आईपीएस अधिकारी से दादागीरी और वह भी एक महिला अधिकारी से अभद्रता पर मुख्यमंत्री की ख़ामोशी पर लोग सवाल उठा रहे हैं।
हालाँकि यह पहला अवसर नहीं है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सहारनपुर और आगरा जैसी कई घटनाएं हुईं हैं जिसमे खादी ने खाकी पर कब्ज़ा करने की कोशिश की है। लेकिन एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ बीजेपी विधायक की अभद्रता का यह पहला मामला है।
बताया जाता है कि महिल आईपीएस से अभद्रता करने वाला बीजेपी विधायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इतना करीबी है कि एक बार आदित्यनाथ उसके लिए बीजेपी से बगावत भी कर चुके हैं। ऐसे में ये सोचना कि मुख्यमंत्री द्वारा अभद्र व्यवहार करने वाले विधायक को नसीहत करने की उम्मीद करना सच्चाई से भागने जैसा है।
आईपीएस अफसर को मिला सोशल मीडिया पर जन समर्थन :
आईपीएस चारु निगम ने अपनी फेसबुक वाल पर इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुये लिखा मेरी ट्रेनिंग ने मुझे कमजोर होना नही सिखाया है। मैं इस बात की अपेक्षा नहीं कर रही थी, तभी मेरे सहयोगी एसपी सिटी गणेश साहा वहां पहुंचे और उन्होंने मेरी चोटों के बारे में बात की और इस निरर्थक बहस को पूरी तरह से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि जब तक एसपी सिटी सर नहीं आये थे, मैं वहां मौजूद सब से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी थीं। लेकिन जब एसपी साहा वहां पुलिस बल के साथ आयें और मेरे समर्थन में खड़े हुये तब मैं भावुक हो गयी। गोरखपुर का मीडिया जिसने दोनों घटनायें देखी थी उसने पूरी तरह से मेरा साथ दिया और मेरे साथ खड़ा रहा। मैं मीडिया की शुक्रगुजार हूं कि उसने बिना किसी भेदभाव के पूरा सच दिखाया।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, कृपया शांत रहें, मैं बिल्कुल ठीक हूं बस थोड़ी आहत हुई हूं। कोई चिंता की बात नही है, परेशान न हो।
उन्होंने फेसबुक पर कुछ लाइने हिन्दी में भी लिखी। मेरे आंसुओं को मेरी कमजोरी न समझे, मेरे आंसू न तो मेरी कोमलता की वजह से बाहर आयें और न ही कठोरता की वजह से। मैं एक महिला अधिकारी हूं, सच्चाई में बहुत ताकत होती है और आपकी सच्चाई हमेशा रंग दिखाती है। मीडिया में उनके आंसू पोछते हुई आई तस्वीरों पर उन्होंने कहा कि मैं रो नही रही थी और न ही मै इस तरह की हूं और न ही यह मेरे व्यक्तित्व में शामिल है। बस मैं उस समय भावुक हो गयी जब मेरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहयोगी ने मेरा समर्थन किया।
क्या था मामला :
गौरतलब है कि करीमनगर इलाके में एक शराब की दुकान हटाये जाने के लिये स्थानीय लोग विरोध प्रदर्शन कर थे और पुलिस विरोध करने वालो को वहां से हटा रही थी। तभी वहां स्थानीय भाजपा विधायक राधा मोहन अग्रवाल पहुंचे और विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने विधायक से शिकायत की कि सर्किल आफिसर चारू निगम ने जबरदस्ती करके शराब की दुकान का विरोध करने वालो को वहां से हटवाया।
स्थानीय लोगों ने विधायक से कहा कि पुलिस ने कथित तौर पर एक महिला को चोट पहुंचायी तथा एक 80 साल के बुजुर्ग को वहां से खींच कर हटाया। तब विधायक अग्रवाल ने पुलिस अधिकारी निगम से उनकी इस कार्रवाई के बारे में पूछा और उनसे कहा कि प्रदेश सरकार का आदेश है कि कोई भी शराब की दुकान घनी बस्ती जहां लोग रहते है वहां नहीं होगी।
विधायक की तेज आवाज और बहस के बीच महिला अधिकारी निगम ने रूमाल से अपनी आंखों से निकले आंसू पोछे। उनकी यह तस्वीर मीडिया के कैमरो में कैद हो गयी और सभी समाचार चैनलों में प्रसारित हो गयी।
बाद में पुलिस अधिकारी निगम ने आरोप लगाया कि विधायक ने भीड़ के सामने उनके साथ अभद्रता और बदतमीजी की।
निगम ने बाद में कहा, विधायक ने मेरे साथ अभद्रता की और इस बात का ख्याल भी नही रखा कि वह भीड़ के सामने एक महिला पुलिस अधिकारी से बात कर रहे हैं।