अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में 48 घंटे में 20 मासूमो की मौत
अहमदावाद : कल हुई दो और बच्चो की मौत के साथ ही अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में पिछले 48 घंटो में 20 मासूमो की मौत हो चुकी है. शुक्रवार रात से 20 नवजात बच्चों की मौत से प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए हैं.
सिविल अस्पताल में बच्चो की मौत के मामले में राज्य सरकार ने एक कमेटी के गठन का एलान किया है. शनिवार को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गांधीनगर में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और बाद में उन्होंने अस्पताल का दौरा भी किया।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर ये मौतें डॉक्टरों की लापरवाही या सुविधाओं में कमी की वजह से हुई हैं तो सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।
बच्चो की मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन यह कहकर अपना बचाव कर रहा है कि पांच बच्चे अन्य अस्पतालों से गंभीर हालत में रैफर होकर आए थे और पांच-छह बच्चों की मौत तो रोज होती है।
सिविल अस्पताल में बच्चो की बड़ी संख्या में हुई मौत का मामला तेजी से पूरे गुजरात में खबर बनकर फ़ैल गयी है. अव्यवस्था फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने अस्पताल में पुलिस तैनात कर दी. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरने वाले बच्चों में से पांच दूरस्थ इलाकों लूनावाड़ा, सुरेंद्रनगर, माणसा, वीरमगाम और हिम्मतनगर से रैफर होकर आए थे.
यहां भर्ती किए गए बच्चों की हालत गंभीर थी, उनका वजन एक से सवा किलो था जबकि नवजात का औसत वजन ढाई किलो होता है। बच्चे हैलाइन मैम्ब्रेन बीमारी से पीड़ित थे.
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने नवजात बच्चों की मौत के लिए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार बताया .उन्होंने इन मौतों को उत्तर प्रदेश के बीआरडी अस्पताल से जोड़ते हुए इसे भाजपा मॉडल की विफलता बताया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की .