असन्तुलित विकास और भ्रष्टाचार की देन है अमेठी के इस गाँव की बदहाली
ब्यूरो (राम मिश्रा, अमेठी) :हर एक व्यक्ति के लिए अपना स्वयं का मकान सुखद अनुभूति देने वाला होता है। धनी वर्ग के सामने अपना मकान बनाना किसी समस्या की भांति नहीं होता क्योंकि उनके पास धन की कमी नहीं होती। वे एक से अधिक मकान बनवा सकते हैं।
मध्यम वर्ग अपनी जीवन भर की कमाई से आशियाना बनाने का प्रयास करता है लेकिन निम्न वर्ग के लिए यह सपना ही रहता है। आज तक इस सपने को लेकर सिर्फ राजनीति होती रही है औऱ चुनावो के दौरान झुग्गियों को नए मकानों में तब्दील करने की बात होती है। फिर इस वादे को बड़ी आसानी से भुला दिया जाता है।
वहीं दूसरी ओर यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार के सत्ता में आने के बाद कई योजनाओं की घोषणा की गई थी। जिससे सूबे की जनता को लगा था कि अब योजनाओ की सफलता से गांवों में विकास की बयार बहने लगेगी लेकिन योगी सरकार के करीब तीन साल बीत जाने के बाद आज भी कई गाँव ऐसे हैं जहां सामान्य योजनाएं तक नहीं पहुंचीं हैं।
ऐसे ही गांवों की हालत से देश को रूबरू कराने के लिए हमने एक श्रृंखला शुरू की है। इसी कड़ी में आज पेश है केंद्रीय मंत्री और सांसद स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र के एक गांव की आंखों-देखी हकीकत-
गौरीगंज मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर है मुसाफिरखाना विकासखण्ड का पूरे नवरंग (नारा-अढ़नपुर) गांव,यह पहले भी सुर्खियों में था और अब भी गुजरे कई सालो में बस इतना ही फर्क आया है कि तब यह गांव खुशी में तालियां पीट रहा था और अब अफसोस में आंसू बहा रहा है।
बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस गांव ने तरह-तरह के सपने देखे लेकिन वे पलकों की हद लांघकर बाहर नहीं आ पाए इसलिए कभी अपने भाग्य पर इतराने वाला पूरे नवरंग उपेक्षा की गहरी उदासी में डूबा हुआ है।
पूरे नवरंग में करीब 25 से ज्यादा परिवार नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं आरोप है कि एक ओर आवासीय योजनाओ का हवाला देकर जनप्रतिनिधियों ने वोट मांगकर अपनी राजनीति की,तो वहीं दूसरी ओर हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
यही कारण है कि अभी कई परिवार पॉलिथीन के तले, तो कोई घास-फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। जिनका जीवन किसी नर्क से कम नहीं हैं, क्योंकि न तो उन्हें पीएम आवास योजना का लाभ मिल सका है न ही अधिकारी उन्हें इसका लाभ दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
कई बार शिकायतें करने के बाद भी अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है जो कुंभकरणीय नींद लगाए सो रहे हैं। सर्दी गर्मी और बरसात के मौसम में कई परिवार झोपड़ी में चारों तरफ से पॉलीथिन लपेटकर ज़िंदगी बसर कर रहे हैं।
उज्जला योजना का नही मिला लाभ-
भाजपा उज्ज्वला योजना को एक बड़ी सफलता के रूप में प्रचारित कर रही है। वही नवरंग के पुरवा के गांव की कई महिलाओं का आरोप कि उन्हें अभी तक मुफ्त गैस सिलेंडर नहीं मिले हैं। यहाँ की महिलाओं का कहना है सिर्फ एक अदद नल से ही हम लोगो को पीने का पानी मिलता है। अगर किन्ही परिस्थितियों में नल में खराबी आ जाती है तो बहुत दूर पानी लेने जाना पड़ता है ।
ग्रामीण राकेश रांची बड़कउ आदि का कहना है कि हम 30 परिवारो को पानी देने के लिए एक मात्र नल है। सभी परिवारों की ज़िंदगी इसी नल पर निर्भर है और जब यह ख़राब हो जाता है तो गाँव के लोगों को बहुत दूर पानी लेने जाना पड़ता है। हम लोग वर्षो से जन प्रतिनिधियों को चुनते आ रहे है लेकिन अभी तक किसी जनप्रतिनिधि से हमारी सुध नही ली है ये वाकई अफसोसनाक है ।