डा मनमोहन सिंह ने कहा ‘मोदी सरकार में अल्पसंख्यको और दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ीं’
चंडीगढ़। पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने कहा है कि देश में अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो यह देश के लिए घातक सिद्ध होगा।
चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डा मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के राजनीतिक विमर्श में आजादी और विकास के बीच चुनने की एक ‘खतरनाक और गलत बाइनरी’ सामने आ रही है और इसे निश्चित तौर पर खारिज किया जाना चाहिए।
मनमोहन सिंह ने अपने सम्बोधन में लोगों को बांटने की कथित कोशिशों पर भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “मुझे इस गहरी चिंता पर ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं है कि भारतीय लोगों को धर्म-जाति और भाषा-संस्कृति के आधार पर बांटने की कोशिश की जा रही है।”
भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते हुए डा मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत की आजादी एवं स्वतंत्रता बरकरार रखने की प्रतिबद्धता पर फिर से जोर देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ‘किसी देश की आजादी का मतलब सिर्फ वहां की सरकार की आजादी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह लोगों की आजादी है। विशेषाधिकार प्राप्त और ताकतवर लोगों की आजादी नहीं है, बल्कि हर भारतीय की आजादी है।’
उन्होंने कहा, ‘आजादी का मतलब है सवाल करने की आजादी, नजरिया पेश करने की आजादी, चाहे यह किसी अन्य के लिए कितना ही कष्टप्रद क्यों न हो, आजादी की एकमात्र असहजता दूसरों की आजादी होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में, किसी व्यक्ति या समूह की आजादी का इस्तेमाल दूसरे लोगों या समूहों की आजादी में बाधा डालने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’