अयोध्या विवाद: सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई की अवधि घटाई, अब इस तारीख तक पूरी करनी होगी बहस

अयोध्या विवाद: सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई की अवधि घटाई, अब इस तारीख तक पूरी करनी होगी बहस

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर -बाबरी मस्जिद से जुड़े भूमि के मालिकाना हक़ को लेकर सुप्रीमकोर्ट में चल रही नियमित सुनवाई के 37 वें दिन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई कि 17 अक्टूबर तक पूरी होगी।

चीफ जस्टिस ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा। इससे पहले इस मामले में बहस पूरा करने के लिए 18 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया गया था।

इस मामले में अब तक 37 दिन की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब इस केस में 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे। बाकी सब पक्षकार 15-16 अक्टूबर को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होगी। यानी अब सिर्फ चार दिन ही सुनवाई होनी है।

इससे पहले शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि पीठ शनिवार को सुनवाई नहीं करेगी। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 142 के तहत मिली अपरिहार्य शक्तियों के तहत दोनों ही पक्षों कि गतिविधियों को ध्यान में रखकर इस मामले का निपटारा करें।

राजीव धवन ने कहा कि मस्जिद पर जबरन कब्जा किया गया, लोगों को धर्म के नाम पर उकसाया गया, रथयात्रा निकाली गई, लंबित मामले में दबाव बनाया गया। धवन ने याद दिलाते हुए कहा कि मस्जिद ध्वस्त की गई और उस समय मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह ने एक दिन कि जेल अवमानना के चलते काटी थी। अदालत से गुजारिश है कि तमाम घटनाओं को ध्यान में रखे।

राजीव धवन यहीं नहीं रुके उन्होंने अपनी दलीलें रखते हुए कहा कि हिंदू पक्षकार बाबर पर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का इल्जाम लगाते हैं, लेकिन बाबर कोई विध्वंसक नहीं था। मस्जिद तो मीर बाकी ने एक सूफी के कहने पर बनाई थी। इस दौरान उन्होंने पढ़ा कि “है राम के वजूद पर हिन्दोस्तां को नाज़ अहले नज़र समझते हैं उसको इमाम ए हिन्द।”

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TeamDigital