अयोध्या की धर्म सभा और पीएम मोदी के बयानो से बीजेपी को हो सकता है ‘बड़ा घाटा’

अयोध्या की धर्म सभा और पीएम मोदी के बयानो से बीजेपी को हो सकता है ‘बड़ा घाटा’

नई दिल्ली(राजाज़ैद)। अयोध्या में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के कार्यक्रम और विहिप द्वारा आयोजित की गयी धर्म सभा का खामियाजा बीजेपी को विधानसभा चुनाव में चुकाना पड़ सकता है। दो दिन तक अयोध्या और राम मंदिर को लेकर देश में अफवाहों का बाजार गर्म रहा और पूरे देश की नज़रें अयोध्या पर लगी रहीं।

कोर्ट में मामला लंबित होने के बावजूद अयोध्या में भारी तादाद में शिवसैनिकों, विहिप, बजरंगदल और हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं के जमावड़े का सन्देश उन राज्यों में सकारत्मक नहीं गया जहाँ विधानसभा चुनाव होने हैं।

डर, दहशत और ज़बरदस्ती वाले माहौल से कहीं न कहीं बीजेपी को अंदरूनी तौर पर बड़ा नुकसान पहुँच चूका है। खासकर मध्य प्रदेश और राजस्थान में दलित और अल्पसंख्यक मतदाता बीजेपी से रातोरात दूर हो गया।

इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी सभाओं में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया और मुद्दों से अलग हटकर बात की गयी उसका सन्देश भी बीजेपी को राहत देने वाला नहीं है।

ज़मीनी हकीकत देखें तो पीएम मोदी की अलवर में हुई सभा के बाद बहुत से लोग इस बात को लेकर नाराज़ दिखे कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में इधर उधर की बातें कीं लेकिन किसानो बेरोज़गारो को लेकर कोई बात नहीं की।

अयोध्या और पीएम मोदी द्वारा अपनी सभाओं में दिए गए अनावश्यक बयानों का बड़ा असर मध्य प्रदेश और राजस्थान में पड़ सकता है। मध्य प्रदेश में कल 28 नवंबर को मतदान होना है।

नोट बंदी को लेकर उड़ाया था मज़ाक:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोट बंदी के दौरान जनता को हुई परेशानियों को नज़रअंदाज करते हुए कांग्रेस का नाम लेकर मज़ाक उडाया। उन्होंने नोट बंदी को लेकर कहा कि किसी को कोई परेशानी नहीं हुई सिर्फ कांग्रेस रो रही है। इसके लिए उन्होंने उदाहरण भी गड़ा कि यदि किसी का जवान बेटा मर जाता है तो उसका बूढ़ा बाप भी एक साल में सम्भल जाता है लेकिन कांग्रेस नहीं सम्भल पा रही, न जाने इनका कितना पैसा चला गया हो।

जानकारों की माने तो पीएम मोदी का यह बयान बीजेपी को बड़ा झटका देने वाला है। पीएम मोदी का बयान नोट बंदी के दौरान एक एक रुपये के लिए परेशांन हुई जनता के गले उतरने वाला नहीं। भले ही बीजेपी पीएम मोदी के बयान पर मजबूरीवश वाह वाह कहे लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे परे है।

वहीँ सूत्रों की माने तो पीएम मोदी द्वारा नोट बंदी को लेकर दिए गए बयानों पर बीजेपी अंदर ही सहमति नहीं है और उनका मानना है कि नोट बंदी पर पीएम मोदी के बयान से जनता के ज़ख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं।

जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं उन्हें लेकर भले ही बीजेपी ऊपरी तौर पर खुद को आश्वस्त दिखा रही हो लेकिन अंदर की सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है।

मध्य प्रदेश में किसान और राजस्थान में बेरोज़गार पहले से ही बीजेपी से नाराज़ थे लेकिन अब अयोध्या और पीएम मोदी के बयानों से बीजेपी को बड़ा झटका लगने से इंकार नहीं किया जा सकता।

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TeamDigital