अमित शाह को महंगे पड़े पकोड़े, कोर्ट में परिवाद दायर, 28 फरवरी को होगी सुनवाई
मुज़फ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को राज्य सभा में पकोड़े बेचने को लेकर दिया गया बयान भारी पड़ता दिख रहा है। शाह के खिलाफ मुज़फ्फरनगर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने 28 फरवरी की तारीख तय की है।
परिवाद दायर करने वाली सामाजिक कार्यकर्त्ता तमन्ना हाशमी ने कहा कि “सात फरवरी को कई टीवी चैनलों पर प्रसारित समाचार में अमित शाह को यह कहते हुए दिखाया गया कि बेरोजगार युवकों के पकौड़ना बेचने में बुराई नहीं है।”
उन्होंने कोर्ट में दाखिल किये गए परिवाद में कहा है कि “शाह के इस बयान से नौजवानों में हीनभावना पनप रही है, पढ़े-लिखे युवाओं की भावनाओं को यह ठेस पहुंचाने वाला बयान है। अमित शाह के बयान से वे आहत हुए हैं। अगर सरकार पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी नहीं देती तो कम से कम उनका मजाक तो न उड़ाए। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या पकौड़े बेचने के लिए ही युवा पढ़ाई करते हैं।”
क्या कहा था अमित शाह ने:
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीते 5 फरवरी को पहली बार राज्यसभा में भाषण दिया था। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक टीवी इंटरव्यू के चर्चित पकौडा रोजगार के बयान का बचाव करते हुए कहा कि पकौड़ा बेचना शर्म की बात बिल्कुल नहीं है।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि मैं मानता हूं कि भीख मांगने से अच्छा है कि कोई चाय या पकौड़े बेचे। उन्होंने यह भी कहा कि आज चाय बेचने वाले का बेटा देश का प्रधानमंत्री बन गया है।