अमित शाह के पत्र पर बोले नायडू ‘झूठ न फैलाएं’
नई दिल्ली। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चन्द्रबाबू नायडू ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह के पत्र को राज्य के लोगों का अपमान बताया। यहां विधानसभा में तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) प्रमुख नायडू ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा अध्यक्ष तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और तेलुगू लोगों की भावनाओं का अपमान कर रहे हैं।
भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का साथ छोड़ने के पार्टी के निर्णय का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि यह लोगों की भावनाओं के अनुरूप किया गया क्योंकि लोग केंद्र सरकार द्वारा ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। राजग ने अपने गठबंधन के साथियों और राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई।
टीडीपी नेता ने कहा कि भाजपा ने राज्य के साथ कांग्रेस से भी ज्यादा अन्याय किया है। कांग्रेस ने जहां जल्दबाजी में राज्य का बंटवारा कर दिया, वहीं भाजपा आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अंतर्गत राज्य के साथ किए गए वादे को निभाने में विफल रही।
नायडू ने यह प्रतिक्रिया भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस संबंध में पत्र जारी होने के कुछ ही घंटों बाद दिया है। शाह ने नायडू पर निशाना साधते हुए कहा था कि टी़डीपी का एनडीए से नाता तोड़ने का फैसला एकतरफा और पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। अपने नौ पन्नों के पत्र में शाह ने टीडीपी प्रमुख के इन आरोपों को ‘झूठा और आधारहीन’ बताया है कि भाजपा आंध्रप्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं को लेकर संवेदनशील नहीं है।
शाह ने लिखा था कि बीजेपी हमेशा से ही विकास और काम करने की राजनीति में भरोसा रखती है और यही हमारा प्रेरणा स्रोत है। उन्होंने अपने खत में लिखा था कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे से लेकर आज तक बीजेपी ने हमेशा आंध्र प्रदेश के लोगों की आवाज को उठाया और लोगों के हितों के लिए काम किया।
इससे पहले नायडू के बेटे नारा लोकेश ने कहा था कि अमित शाह को राज्य के मुद्दों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा था कि भाजपा अध्यक्ष ने राज्य के लोगों की समस्याओं के समझे बिना ही यह पत्र लिखा है।
कैबिनेट मंत्री लोकेश ने अमित शाह के उन आरोपों को भी खारिज किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा जारी फंड के संबंध में राज्य ने अभी तक केंद्र को प्रयोग (यूटीलाइजेशन) प्रमाणपत्र दाखिल नहीं किया है।