अब 21 मई को नहीं होगी विपक्ष की बैठक, ये है वजह
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले होने वाली विपक्ष की बैठक अब 21 मई को नहीं होगी। अब यह बैठक अब चुनावी नतीजे आने के बाद ही आयोजित की जाने की संभावना है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने 23 मई को लोकसभा चुनावो के परिणाम आने से पहले 21 मई को विपक्षी दलों की एक बैठक दिल्ली में आयोजित किये जाने की सलाह दी थी।
चंद्रबाबू नायडू पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिले थे, इसके बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से भेंट कर विपक्ष की बैठक चुनावी नतीजे आने से पहले बुलाये जाने की सिफारिश की थी।
विपक्ष की बैठक के आयोजन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चंद्रबाबू नायडू से कहा है कि बैठक का आयोजन क्षेत्रीय दलों की सुविधानुसार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 19 मई को आखिरी चरण का चुनाव सम्पन्न होना है। ऐसे में क्षेत्रीय दलों को बैठक में शामिल होने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी चाहती हैं कि विपक्ष की बैठक बुलाये जाने से पहले राजनैतिक तस्वीर साफ़ होनी चाहिए। इसलिए बेहतर यही होगा कि विपक्ष की बैठक का आयोजन चुनावी नतीजे आने के बाद ही किया जाए।
गौरतलब है कि आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव के नतीजे आने से पहले विपक्ष की बैठक बुलाये जाने की पहल की थी। नायडू का कहना था कि नतीजे आने से पहले विपक्ष एक साझा कार्यक्रम के प्रारूप को अंतिम रूप दे जिससे बाद में दिक्क्त पैदा न हो।
नायडू चाहते थे कि यदि चुनावी नतीजे आने से पहले विपक्ष के नेता एक बार आमने सामने बैठकर केंद्र में नई सरकार बनाने के मसौदे और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर चर्चा कर लें। जिससे नतीजे आने के बाद पहले से तय एजेंडे पर काम शुरू हो सके।
माना जा रहा है कि विपक्ष की प्रस्तावित बैठक में कांग्रेस, राजद, एनसीपी, जेएमएम, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीडीपी, जेडीएस, एआईयूडीएफ, मुस्लिम लीग, टीएमसी, डीएमके, आरएलडी, सहित करीब 19 पार्टियां हिस्सा ले सकती हैं। वहीँ सपा, बसपा, आप और टीआरएस के इस बैठक में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ है।
जानकारों की माने तो टीआरएस, आप, बसपा और सपा का कांग्रेस विरोधी रुख देखते हुए अभी कुछ नहीं कहा जा सकता और मुमकिन है कि ये दल कांग्रेस के साथ किसी मंच पर खड़े होने से इंकार भी कर सकते हैं।