अब भाला, बल्लम जैसे देसी अस्त्र रखने के लिए भी लेना होगा आर्म्स लाइसेंस
नई दिल्ली । अब तक सिर्फ कारतूस के उपयोग से चलने वाले हथियारों के लिए ही लाइसेंस बनवाने की आवश्यकता होती थी लेकिन भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 15 जुलाई 2016 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर तलवार, भाला, बल्लम, कटार आदि लोहे से बने धारदार हथियारों को रखने के लिए भी लाइसेंस बनवाना अनिवार्य कर दिया है।
हालांकि केन्द्र सरकार की इस अधिसूचना के आधार पर राज्य सरकार ने अब तक कोई नियमावली नहीं बनाई है, लेकिन जल्द ही इस संबंध में लाइसेंस बनाने के लिए राज्य सरकार भी गाइडलाइन जारी करेगी। उसके बाद धारदार हथियारों को रखने के लिए भी जिला कलेक्टर से लाइसेंस बनवाना होगा।
केन्द्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार धारदार हथियारों के लाइसेंस के लिए आवेदनकर्ता को 500 रुपए शुक्ल चुकाना होगा। लाइसेंस भी दो साल के लिए बनेगा। इसके बाद 100 रुपए फीस चुकाकर लाइसेंस रिन्यू कराना होगा।
केंद्र सरकार की अधिसूचना राज्यो में कब से लागू होगी अभी इसके बारे में जानकारी उपलब्ध नही हो सकी है लेकिन ये तय है कि आने वाले कुछ समय में धारदार हथियारों के लिए भी जिला कलेक्टर के यहाँ आवेदन करना पड़ेगा ।