अपने ही मंत्री के जबाव से असंतुष्ट भाजपा सांसद ने कहा ‘लंबा जवाब नहीं, समस्या का हल चाहिए’
नई दिल्ली । प्याज की कीमतों के मुद्दे पर भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपनी ही पार्टी के सांसदों के गुस्से का सामना करना पड़ा। राजस्थान के सीकर से सांसद सुमेधानंद सरस्वती और उत्तर प्रदेश के कैराणा से सांसद हुकुम सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में प्याज की कीमतों का मुद्दा उठाया।
उनके सवालों पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने जवाब भी दिया लेकिन सांसद संतुष्ट नहीं हुए। यहां तक कि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को भी हस्तक्षेप करना पड़ा।
सुमेधानंद ने कहा, ‘सात-आठ महीने जब कमी थी तब प्याज 50 रुपये प्रति किलो बेचे जा रहे थे। आज ये 3 रुपये किलो बिक रहे हैं। सरकार को तुरंत किसानों से इनकी खरीद करनी चाहिए।’
इस पर कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने जवाब दिया कि सरकार ने आलू, प्याज और दालों की कीमतें स्थिर रखने के लिए फंड बनाया है। लेकिन यह मामला खाद्य मंत्रालय को शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ई-नाम के जरिए फसलें बेची जा सकती हैं।
कैराणा से सांसद हुकुम सिंह इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा, ‘आपने विस्तार से जवाब दिया है। लेकिन समस्या वहीं की वहीं है। दाल की कीमतें नीचे नहीं जा रहीं और प्याज की ऊपर नहीं आ रहीं।’ स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सवाल ई-ट्रेडिंग से जुड़ा हुआ है लेकिन सांसद नहीं माने।
उन्होंने कहा, ‘हम ई-ट्रेडिंग का क्या करेंगे। आज किसान प्याज 2 रुपये प्रति किलो की रेट पर बेच रहे हैं। इस समस्या का समाधान होना चाहिए और समाधान तभी होगा जब सरकार बाजार में जाएगी और किसानों से प्याज से खरीद उन्हें बचाएगी।’ हालांकि राधामोहन सिंह इस सवाल को यह कहते हुए टाल गए कि यह उनके मंत्रालय के तहत नहीं आता।