अपने बयान पर घिरे अमित शाह, कांग्रेस ने कोर्ट से की स्व-संज्ञान लेने की मांग
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह अपने ही दिए हुए एक बयान पर घिरते नज़र आ रहे हैं। 25 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के हवाले से कहा गया था कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सजा सुनाने के बाद भड़की हिंसा के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश जिम्मेदार हैं।
कांग्रेस ने इस मामले को उठाते हुए कोर्ट से स्व-संज्ञान लेने की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, “प्रकाशित खबर के अनुसार, अमित शाह ने कहा था कि गुरमीत राम रहीम के मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश सजा सुनाए जाने के बाद पंचकूला में भड़की हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं।”
मनीष तिवारी ने कहा, “उन्होंने (अमित शाह ने) यहां तक कहा कि न्यायाधीश से सुनवाई टालने या संभव हो तो कहीं और अदालत लगाने का अनुरोध किया गया था। अब तक भाजपा या अमित शाह ने इस खबर का खंडन नहीं किया है। “
कांग्रेस नेता ने पूरे मामले में हरियाणा सरकार और बीजेपी पर तीन सवाल उठाए, “क्या न्याय व्यवस्था को बाधित करने की स्पष्ट मंशा के चलते भीड़ को अदालत परिसर के बाहर इकट्ठा होने दिया गया? क्या भीड़ को भड़काने में हरियाणा सरकार और भाजपा के शीर्ष लोग शामिल थे? अगर आप न्याय व्यवस्था को भयभीत करने या भयभीत करने की कोशिश के तहत भीड़तंत्र को उकसाते हैं, तो क्या यह फासीवाद का सबसे खराब रूप नहीं है?”
तिवारी ने कहा, “भारतीय लोकतंत्र के लिए यह बेहद विचलित करने वाले पूर्वाभास हैं। हम उच्च न्यायालय से इस खबर पर स्व-संज्ञान लेने और खबर की सत्यता की जांच करवाए जाने का अनुरोध करते हैं। अगर इस खबर में जरा भी सच्चाई है तो भारतीय लोकतंत्र के लिए आने वाले समय में इसके बेहद खतरनाक निहितार्थ होंगे।”