अनशन पर बैठे अन्ना: कहा “42 चिट्ठियों का पीएम मोदी ने नहीं दिया जबाव”
नई दिल्ली। लोकपाल की न्युक्ति तथा किसानो दुर्दशा के मुद्दे पर प्रमुख सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हज़ारे ने दिल्ली के राम लीला मैदान में अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।
अनशन शुरू करने से पहले अन्ना हज़ारे ने कहा कि उन्होंने मोदी सरकार को 42 चिट्ठियां लिखीं लेकिन एक भी चिट्ठी का जबाव नहीं मिला। अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ा है।
अन्ना ने भूख हड़ताल की शुरुआत से राजघाट में महात्मा गांधी की समाधी पर प्रार्थना की और बाद में वे शहीदी पार्क पहुंचे। अपना अनशन शुरू करने से पहले अन्ना हज़ारे ने मंच से तिरंगा लहराया। इसके बाद अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत हो गई।
अन्ना हज़ारे के अनशन में शामिल होने के लिए उनके समर्थको का आना जारी है। अनशन में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एवं कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े आंदोलन में शामिल होने रामलीला मैदान पहुंच गए हैं।
अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन आपने कैंसिल कर दी। आप उन्हें हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं। मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। मैं कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए। आपकी सुरक्षा मुझे बचा नहीं सकती. सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं है।
ये हैं अन्ना की प्रमुख मांगे:
1. किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिले
2. खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन
3. कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले
4. लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए
5. लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो
6. हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्त किया जाए
7. चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए