अजमेर ब्लास्ट: इंद्रेश और साध्वी को क्लीनचिट दिलवाने में एनआईए की भूमिका पर उठ रहे सवाल

नई दिल्ली । अजमेर ब्लास्ट मामले में क्लीन चिट पा चुके संघ नेता इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा को लेकर एनआईए द्वारा दाखिल की गयी रिपोर्ट पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं । न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने एनआईए की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि वे इन चारों (इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा तथा दो अन्य) के बारे में कोई आदेश नहीं दे पा रहे हैं।

एनआईए ने 21 फरवरी को कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में इंद्रेश कुमार समेत चारों को यह कहते हुए हुए क्लीन चिट दे दी थी कि । एनआईए ने यह कहते हुए आगे तफ्तीश करने से इंकार कर दिया था कि इनके खिलाफ धमाकों की साजिश से जुड़े कोई साक्ष्य नहीं है.इसलिए इन चारों के बारे में आगे जांच का इरादा नहीं है।

एनआईए की चार्जशीट में इंद्रेश कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि आप किसी धार्मिक संगठन से जुड़ कर अपने मिशन को अंजाम दे सकते है. .जिससे कोई आप पर शक नहीं करेगा। इतना ही नहीं चार्जशीट में उज्जैन में 2004 में सिंहस्थ कुंभ में साध्वी प्रज्ञा सिंह,असीमानंद, रामजी कलसांगरे,समेत अन्य आरोपी शामिल होने और बैठक को भी धमाकों की साजिश से जोड़ा गया।

न्यूज़ 18 के अनुसार दोनो बैठकों के आधार पर इंद्रेश कुमार या साध्वी प्रज्ञा सिंह को आरोपी नहीं बनाया था। रिपोर्ट में कहा गया कि इस बारे में एनआईए की जांच जारी है लेकिन उसके बाद एनआईए ने आगे दायर की किसी भी चार्जशीट में इंद्रेश और साध्यी प्रज्ञा और इन बैठकों का न जिक्र किया न जांच के बारे में बताया न क्लीन चिट दी न आरोपी बनाया.एनआईए तब जागी जब फैसले से पहले एनआईए कोर्ट ने इन संग्दिधों की भूमिका के बारे में रिपोर्ट मांगी।

कोर्ट ने भी उठाये सवाल :

जयपुर की एनआईए कोर्ट ने सजा का फैसला सुनाते वक्त इस रिपोर्ट पर सवाल उठाया था । कोर्ट ने कहा कि ये ना तो विधिसम्मत है न ही न्यायोचित, न्यायाधीश दिनेश गुप्ता ने कहा कि इसी वजह से वे इन चारों के बारे में कोई आदेश नहीं दे पा रहे हैं। कोर्ट ने एनआईए से 28 मार्च तक इन चारों समेत दो आरोपियों रमेस गोहिल और अमित के खिलाफ फाईनल रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा. उसके बाद कोर्ट फैसला करेगा।

सवाल उठता है कि कि एनआईए ने उसके बाद दायर की चार्जशीट में इन लोगों की भूमिका को लेकर क्यों नहीं बताया। कोर्ट को इनकों आरोपी नहीं बनाने की वजह क्यों नहीं बताई। जब रिपोर्ट मांगी तब सीधे क्लीन चिट की रिपोर्ट कैसे दे दी.अब देखना है 28 मार्च को एनआईए क्या रिपोर्ट देता और क्या कोर्ट क्या फैसला लेती है।

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