अगले सप्ताह तय हो जायेगा “गुजरात में पाटीदार किसके साथ”

अगले सप्ताह तय हो जायेगा “गुजरात में पाटीदार किसके साथ”

नई दिल्ली। अगले सप्ताह में यह तय हो जाएगा कि गुजरात चुनाव में पाटीदार किस पार्टी के साथ रहेंगे। गुजरात में पाटीदारो और कांग्रेस के बीच ओबीसी कोटे में आरक्षण देने को लेकर कानूनी पेंच फंसा हुआ है।

पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के सदस्यों की पिछले सप्ताह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी के साथ हुई बातचीत सकारत्मक रही थी।

बैठक के बाद पाटीदार अनंत आंदोलन समिति के सदस्यों ने कहा थे कि कांग्रेस ने उनकी पांच में से चार मांगो पर सहमति जताई है। शेष रही एक और मांग जो कि पाटीदारो को 20 फीसदी आरक्षण देने की है, इसके लिए एक बार फिर कांग्रेस नेताओं से बातचीत की जायेगी।

वहीँ सूत्रों के अनुसार पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए कानूनी पहलुओं पर विचार करने के लिए कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को इसकी ज़िम्मेदारी दी गयी थी। सूत्रों ने कहा कि कपिल सिब्बल ने पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए क्या रास्ता हो सकता है इस पर अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दे दी है।

सूत्रों ने कहा कि गुजरात में पहले ही आरक्षण कोटा करीब 50 फीसदी तक है और सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार शेष रहे 50 फीसदी में आरक्षण देने के लिए कोई नया कोटा तय नहीं किया जा सकता। ऐसे में पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए विकल्प बेहद सीमित हैं।

सूत्रों ने कहा कि यदि पाटीदारो को ओबीसी कोटे में शामिल किया जाता है तो राज्य के 40 फीसदी ओबीसी इस पर एतराज उठाएंगे। वहीँ ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर अभी हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी जिससे ओबीसी मतदाता उससे टूटकर बीजेपी की तरफ जा मिलें।

सूत्रों ने कहा कि कपिल सिब्बल ने अपनी रिपोर्ट में पाटीदारो को आरक्षण देने के लिए क्या विकल्प और सुझाव दिए हैं इसका पता नहीं चल सका है लेकिन सम्भावना है कि पाटीदारो के प्रतिनिधियों के साथ अगली बैठक में कपिल सिब्बल स्वयं मौजूद रहें और आरक्षण के मुद्दे पर पाटीदारो को संतुष्ट करने का प्रयास करें।

फिलहाल यह तय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अगले चरण का प्रचार अभियान शुरू होने से पहले पाटीदारो आरक्षण दिए जाने की तस्वीर साफ़ हो जाए। वहीँ नोट बंदी का एक वर्ष पूरा होने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 8 नवंबर को सूरत में ही काला दिवस मनाएंगे। वे यहाँ नोट बंदी के विरोध में आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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TeamDigital