बिहार की अदालत का आदेश: अमित शाह और दयाशंकर पर दर्ज हो मामला

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पटना । बिहार की एक अदालत ने मायावती पर भद्दी टिप्पणी के मामले में शुक्रवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और निलंबित भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने और पूरे मामले की जांच का आदेश दिया।

सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती के खिलाफ बुधवार को अपमानजनक टिप्पणी की थी। वैशाली जिले के मुख्यालय हाजीपुर स्थित व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) जयराम प्रसाद की अदालत ने पुलिस को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता बलिंदर दास की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष (अब निलंबित) दयाशंकर सिंह ने मायावती के बारे में ऐसे भद्दे शब्द का इस्तेमाल किया था, जो लिखा नहीं जा सकता। सभ्य भाषा में उसका अर्थ ‘यौनकर्मी’ होता है। समझने वाले अंदाजा लगा सकते हैं कि वह भद्दा शब्द कौन सा है जो गाली-गलौज में इस्तेमाल होता है।

मायावती के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर दास ने अमित शाह और सिंह के खिलाफ मामला दायर करने की मांग करते हुए सीजेएम की अदालत में याचिका दायर की थी। दास ने अपनी याचिका में कहा, “मैंने अदालत से गुहार लगाई है, क्योंकि भाजपा नेता ने बसपा प्रमुख मयावती के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर लाखों दलितों, पिछड़े और गरीबों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।”

बलिंदर दास के वकील रंजीत कुमार ने बताया कि अदालत ने थाना प्रभारी को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि दयाशंकर सिंह को भाजपा ने निष्कासित कर दिया है और लखनऊ में उनके खिलाफ प्राथमिकी पहले ही दर्ज हो चुकी है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पुलिस सिंह की तलाश कर रही है।

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