सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की पुनर्विचार याचिका खारिज की
नई दिल्ली । बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आज उस समय बड़ी राहत मिली जब सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में सुप्रीमकोर्ट ने पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज कर दिया । इससे पहले मंदर की इस मामले से जुड़ी याचिका को कोर्ट खारिज कर चुका है।
इसी साल 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इस केस से मंदर का कोई संबंध नहीं है। याचिका खारिज होने के बाद मंदर ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि मुंबई की सीबीआई कोर्ट के अमित शाह को इस केस से आरोपमुक्त करने के फैसले को रद्द किया जाए।
हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट भी इस याचिका को पहले खारिज कर चुका है। मामला 2005 का है। कई संगीन मामलों के आरोपी सोहराबुद्दीन को गुजरात पुलिस ने एक एनकाउंटर में मार गिराया था। गुजरात पुलिस पर फ़र्ज़ी एनकाउंटर करने का आरोप लगा और मामले की सीबीआई जांच हुई। उस समय अमिश शाह गुजरात के गृह राज्य मंत्री थे। पुलिस के अलावा उन पर भी हत्या की साज़िश रचने और सबूत मिटाने के आरोप लगे थे।
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में 30 दिसंबर 2014 को मुंबई की सीबीआई कोर्ट ने अमित शाह को क्लीचिट दी थी। सीबीआई कोर्ट के उस फैसले के मुताबिक अमित शाह को राजनीतिक कारणों से इस मामले में गलत तरीके से फंसाने की कोशिश की गई थी। साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले साल नवंबर में सोहराबुद्दीन के भाई रबीबुद्दीन शेख की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया था जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से केस नहीं लड़ने की बात कही थी।
इसी मामले को लेकर हर्ष मंदर ने मांग उठाई थी कि इसके पीछे की वजह की जांच होनी चाहिए लेकिन याचिका को बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज किया था कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है और याचिका दायर करने वाला शख्स इसमें पीड़ित पक्ष नहीं है।