सांप्रदायिकता भड़काने के लिए ज़ी न्यूज़ और भाजपा सांसद हुकुम सिंह पर अखिलेश सरकार दर्ज करे मुकदमा

Hukum-Singh

लखनऊ । रिहाई मंच ने कैराना में हिंदुओं के पलायन की झूठी सूची पर भाजपा द्वारा सांप्रदायिक माहौल बनाने को 2017 के चुनावी तैयारी बताया है। मंच ने मांग की है कि झूठी सूची के आधार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने के षडयंत्रकर्ता भाजपा सांसद हुकुम सिंह समेत भाजपा नेताओं पर अखिलेश सरकार तत्काल मुकदमा दर्ज करे।

रिहाई मंच द्वारा जारी पे्रस विज्ञप्ति में रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने इलाहाबाद में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को यूपी को दंगों की आग में झोंकने की तैयारी बैठक करार दिया।

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जो कैराना में हिंदूओं के पलायन की झूठी सूची पर दुख जता रहे हैं उन्हें कैराना जाना चाहिए और हकीकत जानने के साथ ही पास के गांवों लाक, बहावड़ी, लिसाढ, हसनपुर भी जाना चाहिए, जहां उनको प्रधानमंत्री बनाने के लिए उन गांवों को मुसलमान मुक्त बना दिया गया था। जहां 2013 में भाजपा सांसद हुकुम सिंह जैसों द्वारा मुसलमानों के आशियानों को जला दिया गया था।

वहां की वीरान मस्जिदें इस बात की गवाही देती हैं कि वहां मुसमलमान कभी रहा करते थे। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद में संपन्न हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में जिस तरह कैराना मुद्दे पर रणनीतिक बयानबाजी हुई है उससे स्पष्ट हो गया है कि मुजफ्फरनगर की तरह कैराना के सहारे चुनावी फसल काटने की तैयारी हो रही है।

उन्होंने कहा कि ठीक इसी तरह मोदी की मथुरा रैली के वक्त अयोध्या प्रकरण को हिंदुत्वादियों ने उठाकर ऐसा ही सांप्रदायिक माहौल तैयार किया जिस तरह कैराना मुद्दे पर हुकुम सिंह कर रहे हैं। जब भी मोदी यूपी आते हैं तब भाजपा ऐसा सांप्रदायिक माहौल तैयार कर जनता को मुख्य मुद्दों से भटकाना चाहती है।

रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि जिस तरीके से 2013 में फर्जी वीडियो वायरल कर भाजपा विधायक संगीत सोम ने मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा का आधार तैयार किया ठीक उसी तरह हुकुम सिंह इस बार जीटीवी, दैनिक जागरण जैसे संघी संचार माध्यमों के जरिए सांप्रदायिक हिंसा कराना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनोें ठीक इसी तरह जेएनयू मामले में भी जी टीवी ने फर्जी वीडियो क्लिप चलाकर पूरे देश का माहौल खराब कर दिया था। लेकिन उचित कार्रवाई न होने के चलते एक बार फिर जी टीवी वही दोहराने पर उतारु है। शाहनवाज आलम ने प्रदेश सरकार से मांग की कि वह तत्काल जीटीवी को नोटिस भेजे।

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