सर्व दलीय प्रतिनिधिमंडल से अलगाववादियों का मिलने से इंकार किया

नई दिल्ली। वादी कश्मीर में अमन बहाली की कवायद के तहत केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को श्रीनगर पहुंचा। दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे 26 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की।

इस दौरान घाटी में सुरक्षा की स्थिति पर विचार-विमर्श किया। इस बीच शरद यादव सहित पांच विपक्षी सांसद अलगाववादी नेताओं से मुलाकात करने पहुंच गए। लेकिन सैयद अली शाह गिलानी सहित प्रमुख नेताओं ने मिलने से इन्कार कर दिया।

शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद शाम साढ़े चार बजे माकपा के सीता राम येचुरी, एआइएआइएम के असदुद्दीन ओवैसी, जदयू के शरद यादव, राजद के राजनारायाण यादव, भाकपा के डी राजा और उत्तरी कश्मीर से पीडीपी के राज्यसभा सदस्य फैयाज बट प्रतिनिधिमंडल के बाकी सदस्यों से अलग होकर अलगाववादियों से मिलने निकल पड़े।

राज्य पुलिस के एक डीआइजी रैंक और एसपी रैंक के अधिकारी इनके साथ थे। एसकेआइसीसी से करीब पांच किलोमीटर दूर चश्मा शाही में सभी मीरवाइज मौलवी उमर फारूक के लिए बनाई गई सब जेल पहुंचे। मीरवाइज ने मुलाकात से इन्कार कर दिया। सिर्फ असदुद्दीन ओवैसी से मीरवाइज की बहुत संक्षिप्त मुलाकात हुई। लेकिन दुआ-सलाम तक ही सीमित रही। कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के घर के बाहर पहुंचे।

सीता राम येचुरी और डी राजा ने नजरबंद गिलानी के घर का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुला, लेकिन पूरा नहीं। अंदर से एक व्यक्ति ने कहा कि गिलानी साहब ठीक नहीं हैं। वह किसी से नहीं मिलना चाहते। बेहतर है आप लोग लौट जाएं। खास बात यह रही कि गिलानी ने सांसदों को खिड़की से देखा भी। इस बीच वहां आसपास के लोग जमा हो गए। उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को घेरते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।

इसके बाद प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का दल हुमहमा पहुंचा, जहां जेकेएलएफ के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक को बंदी बनाकर रखा गया है। मलिक ने सांसदों से कहा कि वह दिल्ली आएंगे तो उनसे मुलाकात करेंगे। शब्बीर शाह भी शुरू में नई दिल्ली से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात को तैयार थे, लेकिन बाद में मुकर गए।

सांसदों ने हुर्रियत के पूर्व चेयरमैन अब्दुल गनी बट से भी मुलकात की कोशिश की। बट ने सांसदों का स्वागत तो किया। लेकिन साथ ही कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से बात नहीं करने का फैसला किया गया है। बट का कहना था कि यह निरर्थक प्रयास है। जब तक पाकिस्तान से कश्मीर पर बात नहीं की जाती, कोई ठोस समाधान नहीं निकलने वाला।

सभी पक्षों से बिना शर्त वार्ता होः महबूबा

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से वार्ता में सभी पक्षों को शामिल करने और बिना शर्त बात किए जाने का मशविरा दिया। अपने फेसबुक पेज पर महबूबा ने लिखा है-“आज एसकेआइसीसी में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और सभी पक्षों से बिना शर्त बात किए जाने का सुझाव दिया।”

मुलाकात का न्योता किया खारिज

अलगाववादियों ने रविवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के उस न्योते को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बात करने के लिए कहा था। अलगाववादियों ने आमंत्रण को छलावा करार देते हुए मुख्य मुद्दे के समाधान के लिए एजेंडा आधारित पारदर्शी संवाद की वकालत की।

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