विजय माल्या के प्रत्यर्पण से ब्रिटेन ने पल्ला झाड़ा
नई दिल्ली । बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर विदेश भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को स्वदेश लाने के मामले में ब्रिटेन ने भारत से कहा है कि उसे ब्रिटिश कानूनों के मुताबिक निर्वासित नहीं किया जा सकता है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ब्रिटेन ने भारत से कहा है कि वह पारस्परिक कानूनी सहायता या फिर माल्या के प्रत्यर्पण के लिए आग्रह करे। गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने 28 अप्रैल 2016 को माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन को पत्र लिखा था। वह 2 मार्च को देश छोड़कर चले गए थे।
अब माल्या ब्रिटिश प्रशासन से आग्रह कर सकते हैं कि उन्हें वहां रहने की अनुमति दी जाए। साथ ही वह अपने पासपोर्ट को रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती भी दे सकते हैं।
UK asks India to make request for either mutual legal assistance or extradition of Mallya: MEA.
— Press Trust of India (@PTI_News) May 11, 2016
भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यपर्ण संधि होने के बावजूद माल्या को वापस लाना आसान नहीं होगा। दोनों देशों के बीच संधि का अनुच्छेद 9 उनको बचा सकता है। इसके तहत वह गुहार लगा सकते हैं कि प्रत्यर्पण परेशान करने के लिए किया जा रहा है। इसके कारण उन्हें लाने में देरी हो सकती है और वह वहां से भाग सकते हैं।भारत सरकार को नेवी वॉर रूम लीक के आरोपी रवि शंकरन को ब्रिटेन से लाने में 10 साल लग गए थे।