लिंचिंग पर भागवत का बयान: कांग्रेस ने पूछा ‘समर्थन करते हैं या निंदा?’, ओवैसी ने भी घेरा
नई दिल्ली। विजय दशमी के मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मॉब लिंचिंग को लेकर दिए गए बयान पर राजनैतिक घमासान शुरू हो गया है। भागवत के बयान के बाद कल महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया था।
अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता आनंद शर्मा ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सवाल दागे। आनंद शर्मा ने कहा कि “मेरा सरसंघचालक मोहन भागवत जी से सीधा सवाल है- क्या वह और उनका संगठन घृणा और हिंसा का इस्तेमाल कर निर्दोष और असहाय लोगों की हत्या का अनुमोदन करते हैं या ऐसी घटनाओं की भर्त्सना करते हैं? देश जानना चाहता है कि आपको समस्या इन घटनाओं से है या सिर्फ शब्दावली से?”
आनंद शर्मा ने सवाल किया कि “संघ प्रमुख बताएं कि वह लिचिंग का समर्थन करते हैं या निंदा। यह भारतीय और यूरोपीय भाषा का विषय नहीं है, यह मानवता और देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का विषय है। राष्ट्रहित में आपका स्पष्टीकरण जरूरी है।”
वहीँ दूसरी तरफ आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर सवाल उठाये हैं।
ओवैसी ने कहा कि “भीड़ हत्या के पीड़ित भारतीय हैं और आरोप लगाया कि भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधी और तबरेज अंसारी की हत्या जिस विचारधारा ने की उसकी तुलना में भारत की बड़ी बदनामी और कोई कुछ नहीं हो सकती। भागवत भीड़ हत्या रोकने के लिए नहीं कह रहे हैं। वह कह रहे हैं कि इसे वो (लिंचिंग) मत कहो।”
गौरतलब है कि कल विजय दशमी के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मॉब लिंचिंग की घटनाओं के बारे कहा था कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है। ‘भीड़ हत्या’ (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। भागवत ने कहा कि यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।