रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट: नोट बंदी फ्लॉप साबित, 99% पुराने नोट आये वापस
नई दिल्ली। रिज़र्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार नोट बंदी के दौरान पुराने एक हज़ार और पांच सौ रपये के 99.30 फीसदी नोट वापस आ गए। इसका मतलब यह है कि नोट बंदी को लेकर सरकार ने जो दावे किये थे वे सही साबित नहीं हुए हैं।
वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 नवंबर, 2016 को 15,417.93 अरब रुपये की वैल्यू के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट सर्कुलेशन में थे। इसके बाद इनमें से जितने नोट वापस आए हैं, उनकी कुल वैल्यू 15,310.73 अरब रुपये है।
रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट मेंजीएसटी को भी सफल बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी अप्रत्यक्ष कर में पारदर्शित बरतने में नींव का पत्थर साबित हुआ है।
रिज़र्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कई खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (SBNs) की प्रोसेसिंग का काम आरबीआई के सभी केंद्रो में पूरा हो चुका है। सर्कुलेशन से कुल 15,310.73 अरब रुपये की वैल्यू वाले पुराने नोट वापस आए हैं।
गौरतलब है कि देशभर में 8 नवंबर 2016 को पांच सौ और एक हज़ार के नोटों को चलन से बाहर करने का एलान करते हुए सरकार ने इन नोटबंदी का एलान किया था। इसके बाद देशभर में एटीएम और बैंको पर लम्बी लम्बी कतारें लग गयी थीं।
इतना ही नहीं पुराने पांच सौ और एक हज़ार के नोटो को चलन से बाहर करने के बाद नए पांच सौ और दो हज़ार के नोटों को जारी किया गया था। लेकिन नोटों की छपाई पर्याप्त मात्रा में न हो पाने के कारण बैंको और एटीएम पर नए नोटों की निकासी के लिए सीमाएं तय की गयी थीं।
नोट बंदी के चलते देशभर में करीब दो महीने तक लोगों को भारी मुश्किलें झेलनी पड़ी। नोट बंदी के कारण देशभर के बैंको और एटीएम पर लोगों की लम्बी लम्बी लाइने देखने को मिलीं। इस दौरान लाइन में लगे रहने के कारण कुछ लोगों की मौत भी हुई।
नोट बंदी के बाद सरकार की तरफ से लगातार यह दावे आते रहे कि नोट बंदी एक बड़ा और सफल कदम है। इससे लोगों के यहाँ जमा काला धन बाहर आएगा लेकिन रिज़र्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट को देखें तो 99.30% प्रतिशत पुराने नोट वापस आ गए। इससे साफ़ होता है कि नोट बंदी फ्लॉप साबित हुई। इससे देश की जनता को बेवजह तकलीफ उठानी पड़ी।