मुश्किल में नीतीश: एमएलसी सदस्यता रद्द करने का मामला सुप्रीमकोर्ट पहुंचा
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अब एक नई मुश्किल पैदा हो गयी है। नीतीश कुमार की विधान परिषद की सदस्यता को रद्द करने के लिये सुप्रीमकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीतीश के खिलाफ क्रिमिनल केस पेंडिंग है. लिहाजा, वो किसी संवैधानिक पोस्ट पर नहीं रह सकते।गौरतलब है कि राजद ने नई सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार पर आपराधिक मामले को लेकर ही प्रहार किया था।
राजद ने अपने प्रेस कांफ्रेस में खुलासा करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या का केस पेंडिंग है इसलिये नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। नीतीश कुमार का नाम 1991 में चुनाव के दौरान एक शख्स की हत्या के मामले में आया था।
याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा ने मांग की है कि सीबीआई को इस मामले मे एफआईआर दर्ज करने के ऑर्डर दिया जाए. याचिकाकर्ता के मुताबिक इलेक्शन कमीशन ने कुमार के खिलाफ केस की जानकारी होते हुए भी उनकी मेंबरशिप खारिज नहीं की जिसके कारण वो अब भी संवैधानिक पद पर काबिज हैं।