मध्यप्रदेश में एक और किसान ने की ख़ुदकुशी, 10 दिन में 12 किसानो की मौत
भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसानो पर हुई पुलिस फायरिंग में किसानो की मौत के बाद भले ही शिवराज सिंह सरकार सबकुछ ठीक होने का दावा कर रही है लेकिन सच्चाई यह भी है कि राज्य में किसानो की आत्महत्याओं का दौर अभी थमा नहीं है।
आज धार जिले के बाग थाने के ग्राम रामपुरा निवासी जगदीश मोरी ने कर्ज से परेशान होकर कीटनाशक दवा पीकर आत्महत्या की है। जिसके बाद प्रदेश में बीते 10 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है।
मृतक के परिजन का आरोप है कि कर्ज से परेशान होकर मोरी ने आत्महत्या की है। उन्होंने बताया कि 40 वर्षीय मृतक जगदीश के पिता के नाम से जमीन है और उस पर बैंक का कर्ज था। हालांकि, पुलिस इस मामले को पारिवारिक विवाद बता रही है।
धार के पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि मृतक जगदीश के नाम से कोई जमीन नहीं थी। वह शराब का आदी था तथा शुक्रवार परिवार में विवाद भी हुआ था।
इससे पहले शुक्रवार को भी होशंगाबाद जिले में सूदखोरों से परेशान एक किसान ने खुद पर कैरोसिन डालकर आग लगा ली। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे भोपाल के हमीदिया अस्पताल रेफर किया गया है।
पुलिस ने बताया कि रंढाल गांव के रहने वाले किसान बाबूलाल (40) ने शुक्रवार की सुबह अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा ली, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। पहले गांव वालों ने बताया कि आपसी विवाद के चलते उसने यह कदम उठाया, मगर बाद में कर्ज जल्द चुकाने के सूदखोरों के दबाव की बात सामने आई।
बाबूलाल के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उस पर पांच-छह लोगों का लगभग सात लाख रुपये का कर्ज था। सूदखोर बकाया रकम चुकाने के लिए उस पर लगातार दबाव बना रहे थे। बाबूलाल की पत्नी गुड्डी बाई ने पुलिस को बताया कि गुरुवार को दो सूदखोर आए थे। उन्होंने रकम चुकता न कर पाने के कारण उसे जलील किया था। गुरुवार की रात बाबूलाल बिना खाना खाए सो गया और सुबह उसने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर आग लगा ली।