पटाखों पर पाबंदी को धार्मिक रंग देने से नाराज़ हुआ सुप्रीमकोर्ट, कहा – जारी रहेगा बैन
नई दिल्ली। दिवाली पर दिल्ली में पटाखा चलाने पर पाबन्दी के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धार्मिक रंग देने के प्रयास पर कोर्ट ने एतराज जताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘एक न्यायिक आदेश को धार्मिक चश्मे से देखने की वजह से कोर्ट को तकलीफ पहुंची है।’ देश की सर्वोच्च अदालत ने पटाखा व्यापारियों को राहत देने से भी इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को अपने एक फैसले में दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था। लेकिन अदालत के इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल उठाये थे। त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय ने कहा था कि कल कुछ लोग हिन्दुओं द्वारा चिता जलाने के खिलाफ भी अदालत में जा सकते हैं।
वहीँ बाबा रामदेव ने भी सुप्रीमकोर्ट के फैसले को धार्मिक आज़ादी में विघ्न बताते हुए सवाल उठाये थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह की टिप्पणियों पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
सुप्रीम कोर्ट में जज ए के सिकरी की अध्यक्षता वाले बेंच ने कहा कि, ‘हम यह सुनकर दुखी हैं कि कुछ लोग हमारे आदेश को साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश में लगे हुए हैं, ये दुखदायी है।
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि लोग पटाखे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाले उसके आदेश से पहले खरीदे गए पटाखे चला सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब है कि इस बार दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में लोग पटाखे नहीं बेच पाएंगे।
गौरतलब है कि पटाखों पर बैन लगाने के बाद कुछ पटाखा व्यापारी ये कहते हुए कोर्ट गये थे कि उन्होंने पटाखा बेचने का अपना लाइसेंस रिन्यू करवाया है और पटाखों का स्टॉक खरीद भी लिया है। ऐसे में बैन की वजह से उन्हें भारी आर्थिक नुकसान सहना पड़ेगा। लेकिन अदालत ने व्यापारियों की इस दलील को तवज्जो नहीं दी। आज अदालत ने ये भी कहा कि दिवाली के बाद प्रदूषण लेवल की जांच की जाएगी इसके बाद इस मामले में आगे फैसला लिया जाएगा।