आधार कार्ड: सुप्रीमकोर्ट ने कहा ‘दिक्कत है तो निजी तौर पर याचिका करें ममता बनर्जी’

नई दिल्ली: आधार कार्ड को अनिवार्य तौर पर लागू करने के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आधार से दिक्कत है तो वे निजी तौर पर आम आदमी की तरह याचिका कर सकती हैं.
इससे पहले सुप्रीमकोर्ट ने यह भी देखा कि कोई राज्य सरकार केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कैसे याचिका दायर कर सकती है. सुप्रीकोर्ट द्वारा की गयी टिप्पणी के बाद अब पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर की गयी याचिका में संशोधन कर इसे फिर से दाखिल किया जाएगा.
चूँकि इस याचिका में स्वयं ममता बनर्जी का नाम नहीं है. इसलिए पश्चिम बंगाल सरकार अब इसमें संशोदन करके आवदेक के तौर पर ममता बनर्जी के नाम का उल्लेख कर सकती है.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी नोटिस भेजा है और चार हफ्ते में इससे संबंधित जवाब देने को कहा है इसके साथ ही टेलिकॉम कंपनियों को भी नोटिस भेजा गया है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मोबाईल को आधार से अनिवार्य तौर पर जोड़ने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीमकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर आज सुनवाई होनी थी.
इससे पहले बीते सप्ताह बुधवार को कोलकाता के नजरूल मंच में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वे अपने मोबाईल नंबर को आधार से लिंक नहीं करेंगी भले ही उनका मोबाईल नंबर बंद ही क्यों न हो जाए. मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे उनकी इस मुहिम में उनका साथ दें.
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर आधार मोबाइल नंबर से लिंक हो जाएगा तो पति-पत्नी तक के बीच की बात सार्वजनिक हो जाएगी। कुछ ऐसे निजी मामले होते हैं जिन्हें आप सार्वजनिक नहीं कर सकते.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने फोन को आधार से अनिवार्य तौर पर जोड़ने के निर्देश दिए हैं. जब से सरकार ने मोबाइल ऑपरेटर्स को मोबाइल को आधार से लिंक करने का निर्देश दिया है, देश में 50 करोड़ उपभोक्ता इस निर्देश का पालन कर चुके हैं. अब भी देश में 60 करोड़ उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्हें अपने मोबाइल को आधार से लिंक करना बाकी है.