नजीब की गुमशुदगी पर आज भी खाली हाथ है पुलिस !
नई दिल्ली । पिछले वर्ष 15 अक्टूबर को जेएनयू(जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी) से लापता छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी को चार महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग नही मिलना नजीब के परिवार के लिए चिंता का विषय बन गया है। नजीब की गुमशुदगी के चार महीने बाद भी दिल्ली पुलिस खाली हाथ है।
आखिर नजीब कहाँ गया ? उसको किसने गायब किया ? वह किस हालात में है ? ये सभी ऐसे सवाल हैं जो सिर्फ नजीब के परिजन ही नहीं बल्कि हर छात्र जानना चाहता है । नजीब की गुमशुदगी के बाद से जेएनयू के छात्रों ने कई धरने और विरोध प्रदर्शन किये लेकिन नजीब की गुमशुदगी पर न सरकार की नींद टूटी है और न ही पुलिस ने कुछ ऐसा कहा जिससे ये माना जाए कि नजीब को तलाश करने की कोशिशें जारी हैं।
स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआईओ) ने शनिवार को मांग की कि जेएनयू के छात्र नजीब अहमद के गायब होने की न्यायिक जांच कराई जाए। एसआईओ के अध्यक्ष नहास माला ने एक बयान में कहा कि हमने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा है और इस मामले की तत्काल जांच कराने की मांग की है।
एसआईओ ने यह मांग भी की है कि जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस को इस मामले में जवाबदेही होना चाहिए। नहास माला ने कहा कि हम मामले की एक न्यायिक जांच और नजीब की बीमार मां फातिमा नफीस को तत्काल राहत देने की मांग भी करते हैं। उन्होंने कहा कि एसआईओ ने देशभर से 25 लाख हस्ताक्षर जुटाए हैं, जिसे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपा जाएगा।
माला ने यह भी कहा कि इस मामले में पेश हो रहे वकील को भी कट्टरपंथी समर्थक कहा जा रहा है। मुस्लिम स्टूडेंट्स के साथ तरह-तरह के हास्यास्यास्पद और भेदभावपूर्ण हरकतें की जा रही हैं, जिसे हर हाल में सख्ती से रोकने की जरूरत है।