तेज बहादुर की उम्मीदवारी पर सुप्रीमकोर्ट ने चुनाव आयोग से 24 घंटे में माँगा जबाव
नई दिल्ली। वाराणसी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन भरने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव का नामांकन रद्द किये जाने को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने चुनाव आयोग से 24 घंटे में जबाव तलब किया है।
इस मामले में तेजबहादुर ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था। तेजबहादुर की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश जारी करते हुए कहा तेजबहादुर यादव शिकायत में उठाये गए प्रत्येक सवालो पर विचार करके 24 घंटे में जबाव दिया जाए।
बुधवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान तेजबहादुर के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीमकोर्ट में कहा कि तेजबहादुर का नामांकन रद्द करने की प्रक्रिया को निलंबित कर उसे वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने की अनुमति दी जाए।
इस मामले की अगली सुनवाई चुनाव आयोग का जबाव आने के बाद कल 9 मई को होगी। इसके बाद ही साफ़ हो सकेगा कि तेजबहादुर यादव वाराणसी से चुनाव लड़ पाएंगे अथवा नहीं।
गौरतलब है कि बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव ने पहले 24 अप्रेल को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार परचा दाखिल किया था। इस नामांकन में तेजबहादुर ने अपने दस्तावेजों में कहा था कि उसे सीमा सुरक्षा बल से बर्खास्त किया गया है।
इसके बाद तेजबहादुर को समाजवादी पार्टी ने टिकिट दे दिया और तेजबहादुर ने बतौर समाजवादी पार्टी प्रत्याशी दूसरा नामांकन 29 अप्रेल को दाखिल किया। इस नामांकन के साथ दिए गए दस्तावेज में तेजबहादुर ने बीएसएफ से अपनी बर्खास्तगी का ज़िक्र नहीं किया। यादव को सीमा सुरक्षा बल से अनापत्ति प्रमाण (एनओसी) भी जमा करना था, जिसमें बर्खास्तगी के कारण बताए जाने थे।
दोनों नामांकन के दस्तावेजों में बीएसएफ से बर्खास्तगी को लेकर पाये गये अंतर् पर चुनाव आयोग ने नामांकन को अधूरा मानते हुए उसे निरस्त कर दिया। तेजबहादुर का कहना है कि चुनाव आयोग ने उसे शाम को बताया कि उसे और दस्तावेज देने पड़ेंगे। जो चंद घंटो में मिलना मुमकिन नहीं था।