जिन्ना ने नहीं पहले सावरकर ने की थी देश के बंटवारे की बात
भारत के बंटवारे के बात मोहम्मद अली जिन्ना नहीं नहीं बल्कि पहले वीर सावरकर ने की थी । भारत के हिस्से कर पाकिस्तान बनवाने के लिए जिन्ना से ज़्यादा संघ ज़िम्मेदार है ।
नागपुर । जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार का दावा है कि भारत से अलग पाकिस्तान बनाने की अवधारणा मोहम्मद अली जिन्ना के बजाय सबसे पहले वीर सावरकर ने रखी थी। नागपुर में कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में कन्हैया ने यह दावा किया।
इससे पहले उन्होंने कहा कि देश को मोदी से, संसद को आरएसएस से और संविधान को मनुस्मृति से बदले जाने के खिलाफ वे लड़ाई लड़ते रहेंगे। कन्हैया से जब पूछा गया कि कांग्रेस के सह आयोजन वाले कार्यक्रम का न्योता उन्होंने कैसे स्वीकार किया।
इस पर जवाब आया,’मैंने किसी को मुझे बुलाने के लिए नहीं कहा। यह देश संविधान से चलेगा या मनुस्मृति से इस सवाल पर लोकतंत्र में हमें एक लाइन खींचनी होगी। जो लोग संविधान के पक्ष में हैं वे एक तरफ आना होगा। मेरे भाषण में मैंने लोकतंत्र को लेकर मौजूद खतरे पर ही चर्चा की।
जहां तक साम्प्रदायिकता की बात है तो हमें इतिहास में जाना होगा जहां से इसकी शुरुआत हुई। दो देशों की धारणा की नींव रखने वाले सावरकर थे न कि मोहम्मद अली जिन्ना।’ नेशनल कॉलेज में कन्हैया पर जूता भी फेंका गया, इस बारे में उन्होंने कहा,’जब मैं जेल से नहीं घबराया तो जूते से कोई असर नहीं पड़ेगा।
अगर आप हिंदुत्व के सच्चे सिपहसालार हैं तो आप हिंसा क्यों कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा,’नागपुर संघभूमि नहीं दीक्षाभूमि है। इसका संबंध अंबेडकर से न कि गोलवलकर से, ठीक वैसे ही जैसे गुजरात का संबंध गांधी से न कि मोदी से। इस शहर में फुल दिमाग वाले लोग रहते हैं न कि हाफ वाल पैंट वाले।’ कन्हैया ने आरएसएस और भाजपा को हिटलर के बाराती की संज्ञा भी दे डाली।
कन्हैया ने पीएम मोदी के 56 इंच के सीने वाले बयान पर हमला करते हुए कहा,’ सामाजिक आर्थिक समानता के लिए हमें लड़ना होगा। 56 इंच के सीने वालों को हम 18 इंच के सीने वाले मिलकर नीचे गिराएंगे।’
जूते फेंकने की घटना के बारे में उन्होंने कहा,’ ये वही लोग हैं जिन्होंने आजादी के 50 साल बाद तक तिरंगा नहीं फहराया। जिन्होंने अंग्रेजों के लिए जासूसी की। देश को लूटा। अब वे हमें देशभक्ति सिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
हमने जेएनयू में कभी देश विरोधी ताकतों की मदद नहीं की। इन लोगों ने छेड़छाड़ कर वीडियो बनाए। राज्य सभा टिकट का वादा कर एक टीवी चैनल के मालिक को खरीद लिया और मेरी छवि खराब करने की कोशिश की।’
वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या आपके पास आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के महिलाओं के घरों में ही रहने के बयान का सबूत है तो कन्हैया बगले झांकते दिखे। इसके तुरंत बाद वे प्रेस कांफ्रेंस खत्म कर चले गए। एक मौके पर तो उनहोंने पत्रकारों से कहा कि आप लोग तैयारी करके नहीं आते हैं।