कश्मीर में अभी भी हो रहे प्रदर्शन, 70वें दिन भी ठप रहा जनजीवन
जम्मू। वादी में पिछले दो महीने से भी अधिक समय से जारी हिसाचक्र के बीच शुक्रवार को अस्पताल में उपचाराधीन एक और प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। इसके बाद पुलवामा के लाडीपोरा में जमकर पथराव व हिसा हुई।
अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में भी अलगाववादी समर्थकों ने पाकिस्तान के झंडे फहराने के साथ आजादी के नारे लगाए। जुमे के दिन कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में हुए हिसक प्रदर्शनों में करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए। वहीं, 70 दिन से जारी हिसा में मरने वालों की संख्या 88 पहुंच गई है।
जुमे को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कश्मीर में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे। श्रीनगर के डाउन टाउन के साथ दस कस्बों, पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग, कुलगाम, बारामुला, सोपोर, हंडवाड़ा, कुपवाड़ा, बांडीपोर, बड़गाम में कर्फ्यू व अन्य जगहों पर प्रशासनिक पाबंदियां रही। वहीं इंटरनेट, ब्राडबैंड व निजी कंपनियों की मोबाइल सेवा पांचवें दिन भी बंद रही।
इसी बीच, पांच सितंबर को पुलवामा के लडीपोरा में प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए वासिद मुख्तार पुत्र मुख्तार अहमद की श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में मौत हो गई। यह सूचना लडीपोरा पहुंचते ही हिसक प्रदर्शन तेज हो गए। इस दौरान झड़पों के कई लोग घायल हुए। वासिद मुख्तार को उग्र प्रदर्शनों के बीच दफनाया गया।
वहीं दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के अकिनगाम, धमाल हांजीपोरा, खुदवानी, नवापोरा, पुलवामा के मलिकपोरा, लजूरा, त्राल, डाडसर, अनंतनाग के श्रीगुफारा, काडीपोरा, केपी रोड़, शोपियां के बोकीगाम, बारामूला कस्बे व सोपोर के पलहालन में नमाज के बाद दोपहर को हिसा भड़क गई। इस दौरान जुलूस निकालने की कोशिशें नाकाम किए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। इस दौरान कुछ सुरक्षाकर्मियों समेत डेढ़ दर्जन लोग घायल हुए।