कवरेज तो एक बहाना है, बैन लगाकर एनडीटीवी पर ‘भक्ति करने का दबाव’ बनाने की कोशिश

ब्यूरो(राजाज़ैद) । पठानकोट हमले की कवरेज सभी चैनलो ने की थी और सभी चैनलो की कवरेज लगभग एक ही जैसी थी । एनडीटीवी पर एक दिन की पाबन्दी का कारण पठानकोट पर दिखाई गयी कवरेज नही है बल्कि उस पर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश है । सोशल मीडिया पर यूजर्स की आरही प्रतिक्रियों में सरकार के निर्णय की तीखी आलोचना हो रही है । यूजर्स का सवाल है कि क्या एनडीटीवी को सरकार की भक्ति न करने की सजा दी जा रही है ?

सोशल मीडिया यूजर्स का सवाल है कि क्या मीडिया के लिए ज़रूरी है कि वह केंद्र सरकार के हर फैसले की वाह वाही करे और जो वाह वाही नही करेगा उस पर सरकार पाबंदी लगा देगी ?

जनसत्ता ने अपनी एक खबर में एक बड़ा सवाल उठाया है । खबर के अनुसार सरकार ने हिंदी न्यूज चैनल एनडीटीवी इंडिया पर पठानकोट एयरबेस की जिस संवेदनशील जानकारी लीक करने के आरोप में एक दिन का प्रतिबंध लगाया है लेकिन सरकार जिन आतंकियों को उससे फायदा होने की बात कर रही है फिलहाल उसकी ही जांच पूरी नहीं हुई है कि असल में आतंकी वहां थे भी या नहीं।

सरकार का कहना है कि 4 जनवरी 2016 को अपने लाइव शो में एनडीटीवी के पत्रकार ने कहा था कि बिल्डिंग में दो आतंकी जिंदा हैं और उनके पास ही हथियारों का डिपो भी है। सेना और नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के जो जवान वहां आतंकियों से लड़ रहे थे उनका कहना था कि आतंकियों को नहीं पता था कि पास में ही हथियारों का डीपो है। ऐसे में अगर वे वहां तक पहुंच जाते तो उन्हें रोकना और पकड़ना काफी कठिन हो जाता।

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हालांकि, ऑपरेशन खत्म होने के बाद भी उस जली हुई बिल्डिंग में से कोई मृत शरीर बरामद नहीं किया गया जिसके वहां छिपे होने का शक था। वहां से कोई हथियार या किसी तरह की गोलियां भी नहीं मिली थीं। लेकिन उससे पहले हुए हमले में चार आतंकी जरूर मारे गए थे।

खबर के अनुसार 16 मई 2016 को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में फोरेंसिक जांच में मिले अवशेषों का हवाले देते हुए कहा था कि जो दो लोग बिल्डिंग में थे वे आतंकी थे। लेकिन 21 मई को फोरेंसिक टेस्ट के हवाले से एक खबर आई थी कि रिपोर्ट में मिले सेंपल से कुछ पता नहीं लगा था और वह जलने की वजह से पूरी तरह खराब हो गए थे। रिपोर्ट में बस पुरुष के DNA सैंपल मिले थे। उससे यह नहीं पता लगा था कि वह कितने लोगों के थे। जले अवशेष से पता चला था कि उसमें कई व्यक्तियों से आनुवंशिक सामग्री शामिल थी।

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TeamDigital