कर्नल पुरोहित ने विस्फोटकों के लिए जुटाया था धन
मुंबई । मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को क्लीन चिट देते हुए और उनके खिलाफ सारे आरोप हटाते हुए एनआईए ने कहा है कि लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित ने अन्य आरोपियों के साथ कई मुलाकातों का आयोजन किया और उनकी गैर कानूनी गतिविधियों के लिए हथियार एवं विस्फोटकों की खातिर धन जुटाया।
एनआईए ने यहां एक विशेष अदालत में दाखिल किए अपने पूरक आरोप पत्र में कहा, वह आपराधिक साजिश का एक अहम सदस्य है। आरोपी पुरोहित ने 2006 में अभिनव भारत संगठन खड़ा किया जबकि वह भारत के सशस्त्र बल के एक सेवारत कमीशंड अधिकारी थे, जो सेवा नियमों के खिलाफ है।
एनआईए ने आरोप लगाया है कि 25-26 जनवरी को फरीदाबाद में हुई एक गुप्त बैठक में पुरोहित ने अलग भगवा ध्वज वाले हिंदू राष्ट्र के लिए एक अलग संविधान का प्रस्ताव किया था।
एनआईए ने कहा है, उन्होंने अभिनव भारत के संविधान को पढ़ा, जिसे उन्होंने तैयार किया था, भारत सरकार के खिलाफ मध्य हिंदू सरकार (आर्यावर्त) गठित किए जाने की चर्चा की और यह निर्वासित सरकार इस्राइल और थाईलैंड में गठित किए जाने का विचार दिया। पुरोहित ने हिंदुओं पर मुसलमानों के ढाये जुल्मों का बदला लेने के बारे में भी चर्चा की।
पुरोहित के आवास से बरामद आरडीएक्स के बारे में एनआईए ने सेना की एक कोर्ट ऑफ इनक्वायरी रिपोर्ट का हवाला दिया है जिसमें दावा किया गया था कि एटीएस अधिकारियों ने उनके आवास में विस्फोटक रखे थे जो उनके आवास में जबरन घुसे थे। उन्होंने कहा कि सेना ने करीब 70 किलोग्राम आरडीएक्स की भी जानकारी दी, जो संभवत: विस्फोट के लिए इस्तेमाल किए जाने थे।
एनआईए ने यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ अभिनव भारत संगठन के लिए भारी कोष जमा किया था और इसे उनकी गैर कानूनी गतिविधियों के लिए हथियार एवं विस्फोटक खरीदने के लिए बांटने का निर्देश दिया था।
साध्वी की भूमिका पर एनआईए ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि उनके और पांच अन्य के खिलाफ उसके पास पर्याप्त साक्ष्य नहीं है। छह आरोपियों के खिलाफ सबूत का विश्लेषण करते हुए एनआईए ने कहा कि विस्फोट में जिस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया गया था उसे आरोपी साध्वी ने इस्तेमाल किया था।
हालांकि, एजेंसी ने कहा कि एटीएएस द्वारा जुटाए गए साक्ष्य और एनआईए द्वारा पुनर्आंकलन किए जाने से जाहिर होता है कि चार गवाहों के मुताबिक फरार आरोपी रामचंद्र कालसंग्र के पास यह मोटरसाइकिल थी और वह इसका इस्तेमाल करता था। एनआईए ने बताया कि गैरेज के रजिस्टर से भी जाहिर होता है कि मोटरसाइकिल कालसंग्र की थी।
पुरोहित ने नासिक के भोसला मिलिट्री स्कूल में 15-16 सितंबर 2008 को हुई अभिनव भारत की एक बैठक में भी भाग लिया था, जिसमें आरोपी रमेश उपाध्याय अभिनव भारत के कार्यकारी अध्यक्ष चुने गए थे।
एनआईए ने आरोप लगाया है कि पुरोहित ने खुद के लिए और अभिनव भारत संगठन के लिए काफी धन जुटाया, जिसमें से नासिक के एक बिल्डर को 2.5 लाख रूपया दिया गया।