एनडीटीवी पर एक दिन के बैन पर भड़के सोशल मीडिया यूजर्स, ‘NDTV ने ही रखा पत्रकारिता को ज़िंदा’

नई दिल्ली । अंध भक्ति न करने वाले न्यूज़ चैनल एनडीटीवी को बैन करने के मामले में सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गयी है और सोशल मीडिया पर भारी तादाद में यूजर्स  एनडीटीवी के एंकर रवीश कुमार के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलन्द कर रहे हैं ।

वहीँ न्यूज़ चैनल को बैन करने की खबर से नाराज़ सोशल मीडिया यूजर्स मोदी सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं । ट्विटर पर एनडीटीवी के समर्थन में #IStandWithNDTV के हैश टेग के साथ एक मुहिम शुरू हो चुकी है ।

इस बीच कांग्रेस नेता एवम सामाजिक कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आगाह किया कि यदि एनडीटीवी को बैन किया गया तो वे पीएम आवास के सामने धरने पर बैठ जायेंगे । उन्होंने कहा कि एनडीटीवी को सरकार के इस आदेश को कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए ।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने एनडीटीवी को प्रतिबंधित करने का फैसला नही बदला तो वे बिना शोर किये शांतपूर्ण तरीके से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के घर के बाहर धरना करेंगे ।

सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि एनडीटीवी एक ऐसा न्यूज़ चैनल है जिसने पत्रकारिता को ज़िंदा रखा है और इस चैनल की भूमिका अँधेरे से लड़ने के लिए एक दिया ही काफी होता है जैसी है । सोशल मीडिया यूजर्स की दलील है कि एनडीटीवी ने हमेशा सच दिखाया । मुद्दा कोई भी रहा हो, एनडीटीवी ने बहुत ही सादगी से सच को सामने रखा ।

सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि जब से केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की सरकार बनी है तब से कई चैनलो ने पत्रकारिता के नाम पर अंध भक्ति शुरू कर दी है । सोशल मीडिया यूजर्स की दलील है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है जिसे गिराने की कोशिश की जा रही है । वहीँ एनडीटीवी को बैन करने को लेकर कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार के फैसले पर अपना विरोध ज़ाहिर किया है ।

आपको बता दें कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय की अंतर मंत्रालयी समिति ने टीवी चैनल एनडीटीवी इंडिया के खिलाफ कड़ी सिफारिश की है। समिति ने चैनल को 9 नवंबर को एक दिन के लिए ऑफ एयर करने की सिफारिश की है। समिति का आरोप है कि चैनल ने पठानकोट हमले के दौरान गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने और सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील विवरण दिखाया था।

https://twitter.com/LathiefKB/status/794405655507570688

समिति का आरोप है कि समिति ने पाया कि चैनल ने पठानकोट हमले के कवरेज के दौरान न केवल गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया बल्कि संवेदनशील सूचनाओं को आमलोगों के सामने परोसा। इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंच सकता था और आम लोगों और सुरक्षाकर्मियों की जान को खतरा पहुंच सकता था क्योंकि आतंकी भी लगातार टीवी चैनलों के संपर्क में थे।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital