उद्धव ने बाला साहेब से कागजातों पर धोखे से कराए थे साइन :जयदेव ठाकरे
मुंबई। शिवसेना के दिवंगत नेता बाल ठाकरे की वसीयत का मामला अदालत में है। सोमवार को कोर्ट में सुनवाई के दौरान बाल ठाकरे के बड़े बेटे जयदेव ठाकरे ने वसीयत को लेकर कई खुलासे किए। अपनी गवाही के दौरान जयदेव ठाकरे ने दावा किया कि बाला ठाकरे पर उद्धव के प्रभाव के कारण वसीयत से उन्हें बाहर कर दिया गया। जयदेव ने ये भी आरोप लगाया कि उद्धव ने कई कागजातों पर धोखे से साइन करा लिए थे।
मिड डे की एक खबर के अनुसार, जयदेव सोमवार को सुनवाई के लिए व्हीलचेयर पर अदालत आए थे। जयदेव के साथ उनकी तीसरी पत्नी अनुराधा और बेटी माधुरी भी साथ थी। उद्धव के वकील रोहित कपाड़िया ने वसीयत को लेकर जयदेव से 58 सवाल पूछे। इस दौरान, जस्टिस गौतम पटेल ने जयदेव के जवाब की समीक्षा की। अदालत में जयदेव के लिए मराठी से अंग्रेजी में अनुवाद करने के लिए एक ट्रांसलेटर भी था।
जयदेव ने दावा किया कि बाला साहेब अपनी वसीयत से उन्हें कभी भी बाहर नहीं करना चाहते थे। जयदेव ने ये भी बताया कि बाला साहेब इस बारे में उद्धव को कुछ बताना नहीं चाहते थे। क्योंकि उन्हें डर था कि इसकी वजह से परिवार में कोई दरार ना आ जाए।
जयदेव ने कोर्ट में कहा कि बाला साहेब ने उन्हें खुद बताया था कि उद्धव ने जनवरी 2011 और फिर उसी साल अक्टूबर में बिना बताए कुछ कागजातों पर साइन कराए थे। जयदेव ने बताया कि बाला साहेब ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि वसीयत में उनका नाम भी लिखा गया था। जयदेव ने ये भी कहा कि मैंने कई बार उद्धव से फोन के जरिए बात करनी चाही लेकिन, उन्होंने कभी जवाब नहीं दिया।
जयदेव ने बताया कि दिसम्बर 2012 में समाचार पत्रों के जरिए उन्हें वसीयत के बारे में पता चला। जिसके बाद 2013 में उन्होंने वसीयत के खिलाफ याचिका दायर की।