इशरत जहां एनकाउंटर: गुजरात सरकार ने पूर्व पुलिस अफसरों पर नहीं दी मुकदमे की अनुमति
नई दिल्ली। इशरत जहाँ एनकाउंटर मामले में गुजरात सरकार ने पूर्व पुलिस अधिकारीयों डी जी वंजारा और एन के अमीन पर मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी है। यह खुलासा सीबीआई ने किया है।
सीबीआई के स्पेशल जज जे के पांडया की कोर्ट में सीबीआई के वकील आर सी कोडेकर ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व पुलिस अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से मना कर दिया। ये पुलिस अफसर इशरत मामले में सीआरपीसी की धारा 197 के तहत आरोपी हैं।
बचाव पक्ष के वकील ने तब दोनों पूर्व पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई वापस लेने के लिए आवेदन दाखिल करने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने उन्हें 26 मार्च को आवेदन दाखिल करने के लिए कहा।
इससे पहले कोर्ट ने दोनों पूर्व अफसरों को बरी करने की मांग करने वाले आवेदन को खारिज करते हुए सीबीआई से इस बारे में रूख साफ करने को कहा था कि क्या वह दोनों पूर्व अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति चाहती है। इसके बाद सीबीआई ने दोनों पूर्व अफसरों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने का अनुरोध करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
वंजारा और अमीन उन सात आरोपियों में शामिल थे, जिनके खिलाफ इस मामले में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किए थे। वंजारा पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक हैं और अमीन सेवानिवृत्त पुलिस अधीक्षक हैं।
गौरतलब है कि 19 वर्षीय छात्रा इशरत जहां, जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर को 15 जून 2004 को अहमदाबाद के बाहरी हिस्से में पुलिस ने एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था। पुलिस ने दावा किया था कि चारों आतंकवादी थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे।