आर्थिक मंदी पर कांग्रेस ने फिर कहा “देश गहरे आथिक संकट के दौर में”
नई दिल्ली। देश में आर्थिक मंदी को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार को एक बार फिर आगाह करते हुए कहा कि देश गहरे आर्थिक संकट के मुहाने पर खड़ा है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिजर्व बैंक के हाल में आए आंकड़ों के अनुसार, एक साल पहले बैंकों के कर्ज का प्रवाह 7.36 लाख करोड़ रुपये था, वह आज 88 फीसदी घटकर केवल एक लाख करोड़ रुपये सिमट गया है।
उन्होंने कहा कि कर्ज का प्रवाह इस तरह गिर रहा है तो इसकी सीधा मतलब हैं कि देश में आर्थिक गतिविधियां ठहर गई हैं। सरकार को इस असलियत को स्वीकार करना चाहिए और मंदी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
रिज़र्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश में व्यवसायिक कर्जों में 88 फीसदी की कमी आई है। साफ है कि आर्थिक गतिविधियां ठप हो गई हैं और देश गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि कर्ज का प्रवाह कम होने का मतलब है कि आर्थिक हालत खराब हो गई है। बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रवाह लगातार घट रहा है और यह चिंता की बात है। लोगों को डर है इसलिए वे बैंक कर्ज नहीं उठा रहे।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की जा रही है और जो अर्थशास्त्री आर्थिक विकास दर पांच फीसदी होने में संदेह जता रहे हैं, उनकी बात में सच्चाई नजर आ रही है।
उन्होंने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए निजी निवेश, सार्वजनिक निवेश, निर्यात और माल की खपत सबसे अहम होती है लेकिन पिछले एक साल आर्थिक विकास के यह चारों मानक खरे नहीं उतरे। सरकार चारों खाने चित्त नजर आ रही है।