अच्छे दिन : पर्दे के पीछे चल रही रसोई गैस सब्सिडी खत्म करने की तैयारी
नई दिल्ली । केंद्र सरकार जल्द ही रसोई गैस सब्सिडी से हाथ खींच सकती है । सूत्रों के अनुसार रसोई गैस पर सब्सिडी समाप्त करने के लिए परदे के पीछे बड़ा खेल चल रहा है । सूत्रों की माने तो रसोई गैस की सब्सिडी ख़त्म करने की सभी ज़रूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चूका है । सूत्रों के अनुसार सरकार रसोई गैस पर बतौर सब्सिडी खर्च होने वाले 22 हज़ार करोड़ के खर्च पर ब्रेक लगाना चाहती है ।
सब्सिडी वाले घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत प्रत्येक दो महीने पर करीब दो रुपए बढ़ रही है। सोमवार को घरेलू गैस सिलेंडर 1.93 रुपए महंगा हो गया। कैरोसिन का दाम भी 25 पैसे लीटर बढ़ाया गया।
22 हजार करोड़ रुपए की बचत
सरकारी दावे के अनुसार डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर और गिव इट अप से 2014-15 और 2015-16 में एलपीजी सब्सिडी से करीब 22 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई है। 10 लाख रुपए से अधिक सालाना इनकम वाले करीब सात लाख परिवारों की एलपीजी सब्सिडी भी बंद की जा चुकी है। सरकार इनकम टैक्स विभाग के डेटाबेस की सहायता से और लोगों की पहचान करने की तैयारी में है।
63% कम हुई सब्सिडी
घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। इन पर सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी में 63 प्रतिशत की कमी आई है। वित्त वर्ष 2015 में प्रति किलोग्राम सब्सिडी 29.63 रुपए थी जो चालू वित्त वर्ष में कम हो कर महज 11.8 रुपए प्रति किलोग्राम रह गई है।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम शुरू करने से सरकार को एलपीजी सब्सिडी का बोझ कम करने में बड़ी सफलता मिली है। स्कीम शुरू होने से अब तक करीब साढ़े तीन करोड़ जाली कनेक्शन रद्द किए जा चुके हैं।
सरकार को हो रही है बड़ी बचत
जुलाई महीने में क्रूड ऑयल की कीमतों में 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। ग्लोबल मार्केट में क्रूड की कीमतें इन दिनों तीन महीने के निचले स्तर पर हैं। ऐसे में पिछले 15 दिनों के दौरान भारतीय क्रूड बास्केट में गिरावट देखने को मिली है।
इस गिरावट से भारत सरकार को फायदा होगा क्योंकि भारत कुल खपत का करीब 70 प्रतिशत आयात करता है। क्रूड और गैस की कीमतें कम होने से सरकार को बड़ी बचत हो रही है। इससे चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिल रही है।
26,947 करोड़ सब्सिडी का बजट
आम बजट में फ्यूल सब्सिडी के लिए 26,947 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इसमें से 19,803 करोड़ रुपए एलपीजी सब्सिडी के लिए और 7,144 करोड़ रुपए कैरोसिन सब्सिडी के लिए हैं।