झारखंड सरकार की लापरवाही से हुआ लाखो लोगो का आधार डाटा लीक
रांची। जहाँ केंद्र सरकार आधार कार्ड को आवश्यक रूप में लागू करने की बात कर रही है वहीँ झारखंड में करीब दस लाख लोगों का आधार डाटा सार्वजनिक होने से आधार के डाटा की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
झारखंड सरकार जिसे प्रोगरामिंग एरर बता रही है असल में वह राज्य सरकार के अधीन काम करने वाले सामाजिक सुरक्षा विभाग की लापरवाही है जिसके चलते करीब दस लाख लोगों का आधार डाटा लीक हो गया।
झारखंड में कुल 16 लाख पेंशनर हैं, इनमें से 14 लाख लोगों ने अपने बैंक खाते को आधार से जोड़ दिया है। इन सभी लोगों की आधार की जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक हो गई है। इस वेबसाइट पर वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले लोगों का आधार नंबर के साथ, नाम पता और बैंक खाते की जानकारी भी सार्वजनिक हो गई है।
आधार नंबर का प्रकाशन आधार अधिनियम की धारा 29 (4) का उल्लंघन करता है। इस साल की शुरुआत में, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के आधार नंबर को प्रकाशित करने के लिए आधार सर्विस प्रोवाइडर को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया था।
राज्य के सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव एमएस भाटिया ने बताया कि ‘हमें इसके बारे में इस हफ्ते ही पता चल गया था हमारे प्रोग्रामर इस पर काम कर रहे हैं, और इस मामले पर जल्द ही ध्यान दिया जाना चाहिए।
इंटरनेट और सोसाइटी के सेंटर में नीति निदेशक प्रणेश प्रकाश ने कहा कि “क्या यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इस डाटासेट को सार्वजनिक बनाने के लिए झारखंड सरकार के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे? और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो क्या इसका मतलब यह है कि वे इस कार्य को रोकते हैं?