गुलाम नबी आजाद बोले, भाजपा के जहर से निपटना मेरी सबसे बड़ी चुनौती

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नोएडा/दिल्ली। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पूर्व राज्य के लिए बनाए गए प्रभारी गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि इस चुनाव में संप्रदायवाद का ज़हर जिस हद तक बोया जा रहा है। उतना पहले कभी भी नहीं बोया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा के संप्रदायवाद के जहर से निपटना ही प्रदेश प्रभारी के रूप में उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी।

गुजरात के कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री को हटाकर उत्तर प्रदेश के नए जनरल सेक्रेटरी बनाए गए आज़ाद ने कहा कि वह पहले भी राज्य की जिम्मेदारी सम्भाल चुके हैं इसलिए उन्हें इस प्रदेश के बारे में अच्छी जानकारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बदौलत वह एक नया इतिहास लिखने में जरूर कामयाब रहेंगे।

सबको साथ लेकर चलती है कांग्रेस
जातिवाद पर कड़ा प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और वह किसी धर्म और जाति की बात नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबको साथ लेकर चलने की नीति पर काम करती रही है और उसी एजेंडे को लेकर आगे चलेगी।

किसी पार्टी से समझौते की कोई सम्भावना नहीं
अन्य दलों से राजनीतिक गणित बिठाने में मशहूर रहे गुलाम नबी आज़ाद ने एक प्रभारी के रूप में अपनी पारी संभालते हुए कहा कि इस समय की जो परिस्थितियां हैं, उनके अनुसार फिलहाल पार्टी किसी भी दल से कोई गठबंधन नहीं करेगी और यूपी चुनाव में वे अकेले ही उतरेंगे। बसपा द्वारा हाल ही में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन किये जाने को लेकर किये गए एक सवाल का जवाब देते हुए आज़ाद ने कहा कि हर पार्टी की अलग-अलग राज्य के हिसाब से अलग राजनीतिक रणनीति होती है, इसलिए किसी अन्य पार्टी या अन्य प्रदेश की बात को यूपी से जोड़कर देखना सही नहीं होगा।

बिहार जैसा कोई महागठबंधन नहीं
मूलरूप से जम्मू-कश्मीर से संबंध रखने वाले आज़ाद ने बिहार जैसे महागठबंधन की यूपी में किसी सम्भावना पर कहा कि बिहार एक अलग राज्य है और वहां की ज़मीनी स्थिति बिलकुल अलग थी। उसकी तुलना उत्तर प्रदेश से करना किसी भी तरह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी में हमारे पास बड़े नेताओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं और हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं के बूते प्रदेश में एक परिवर्तन लाने में सफल रहेंगे।

गांधी परिवार तय करेगा, कब आएंगी प्रियंका
प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का चेहरा बनाए जाने की सम्भावना पर बोलते हुए गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि वे पार्टी की एक मजबूत चेहरा हैं लेकिन वे कब सक्रिय रूप से राजनीति में आएंगी, इसको तो खुद गांधी परिवार ही तय करेगा। उन्होंने कहा कि प्रियंका हमेशा से पार्टी के लिए प्रचार करती रही हैं और इस बार भी वे पार्टी के लिए अपना योगदान देंगी लेकिन उन्हें किसी पद पर प्रोजेक्ट किये जाने की कोई सम्भावना नहीं है।

पीके से नहीं कोई मुकाबला
कांग्रेस आलाकमान द्वारा यूपी में पार्टी के हालात बदलने के लिए लाए गए चुनावी रणनीतिज्ञ प्रशांत किशोर की पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच नहीं बैठ रही ताल-मेल पर प्रतिक्रिया देते हुए आज़ाद ने कहा कि उन्हें पीके से मुकाबला नहीं करना है। इसकी बजाय उन्हें कांग्रेस को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी उठानी है। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा काम है और इस काम में कोई किसी भी तरह से सहयोग देता है तो उसका स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीके की टीम और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच में कोई भी मतभेद नहीं है क्योंकि दोनों ही अपनी भूमिका, कार्यक्षेत्र और जिम्मेदारी जानते हैं।

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