अब राम मंदिर मुद्दे पर भी पलटे अमित शाह

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नई दिल्ली । लगता है 15 लाख की तरह राम मंदिर मुद्दा भी जल्द एक जुमले में बदल जाएगा । भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राम मंदिर मुद्दे पर जिस तरह की प्रतिक्रिया दी उससे यही मालुम होता है । पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने कहा है कि अयोध्‍या में राम मंदिर बनना चाहिए, मगर इसके दो ही रास्‍ते हैं। या तो आम सहमति से मंदिर बने या अदालत मंदिर बनाने का आदेश दे।

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, “10 साल की यूपीए सरकार सिर्फ घोटालों और भ्रष्‍टाचार की सरकार थी। अटल जी के प्रधानमंत्री रहते हुए भी दुनिया ने कहा था कि 21वीं सदी भारत की है और अब मोदी जी की सरकार के समय भी दुनिया यही कह रही है।”

शाह ने राम मंदिर पर बोलते हुए कहा, “अयोध्‍या में राम मंदिर बनना चाहिए लेकिन या तो इस पर आम सहमति बने या फिर अदालत फैसला सुनाए।” उन्‍होंने साध्‍वी प्राची के बयान से किनारा करते हुए कहा कि भाजपा ने कभी उनके बयानों से सहमति जाहिर नहीं की है।

रघुराम राजन को आरबीआई गवर्नर पद से हटाए जाने पर शाह ने कहा, “भाजपा ने कभी नहीं कहा कि रघुराम राजन को हटाया जाना चाहिए। अगर किसी ने ऐसा कहा है तो वह उस व्‍यक्ति के निजी विचार हैं।” शाह ने उत्‍तर प्रदेश चुनाव पर बोलते हुए कहा, “देश का विकास उत्‍तर प्रदेश के बिना संभव ही नहीं है।

यूपी की जनता हमें मौका दे और हम सारी समस्‍याओं का हल निकालेंगे।” केंद्र सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर बुलाई गई एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भाजपा अध्‍यक्ष राम मंदिर और समान आचार संहिता जैसे मुद्दों से हटते नजर आए थे। उन्‍होंने विकास पर ही जोर दिया था और कहा था कि विकास ही मोदी सरकार का एजेंडा है।

उन्‍होंने कहा था, ”यह हमारे घोषणापत्र का हिस्‍सा है और यदि आप पढ़ेंगे तो पाएंगे कि हम कैसे काम करना चाहते हैं।” बजरंग दल और विश्‍व हिंदू परिषद् के राम मंदिर को लेकर चलाए जा रहे अभियान के सवाल पर उन्‍होंने कहा, ”भाजपा बजरंग दल नहीं है। आपको केवल सरकार की सुननी चाहिए।”

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